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कर्नाटक के नाटक का काउंटडाउन: कांग्रेस का आरोप, हमारे विधायक को बंधक बनाया, BJP विधायक पर भी डोरे?

बेंगलुरु
कर्नाटक राजनीतिक संकट का फाइनल काउंटडाउन शुरू हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने वाले येदियुरप्पा को शनिवार 4 बजे बहुमत साबित करने का आदेश दिया है। बीजेपी को पहले इसके लिए राज्यपाल से 14 दिनों का समय मिला हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश ने कर्नाटक की राजनीति में एक तरह से अफरातफरी मचा दी है। अपने विधायकों को फूट से बचाने के लिए कांग्रेस-जेडीएस ने उन्हें हैदराबाद पहुंचा दिया था। अब उन विधायकों को वापस लाने की तैयारियां हो रही हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उनके एक विधायक को एक केंद्रीय मंत्री ने बंधक बनाकर रखा है। वहीं, कांग्रेस की तरफ से भी बीजेपी विधायकों पर डोरे डालने की खबरें सामने आ रही हैं। अपने और जेडीएस के विधायकों को हैदराबाद से लाने की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने बीजेपी पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। दरअसल कांग्रेस के एक विधायक आनंद सिंह लापता हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हमें यह मालूम है। किस मंत्री (केंद्रीय मंत्री) के द्वारा उनको फोन किया गया, बुलाया गया और बाद में पकड़ कर भी रखा।’ हैदराबाद से बेंगलुरु के लिए निकल रहे जेडीएस नेता जीटी देवगौड़ा ने कहा है कि 100 करोड़ या 200 करोड़ जो भी ऑफर आ रहा हो, विधायक हमारे साथ हैं। हमारा कोई सदस्य कहीं नहीं जा रहा है। कांग्रेस भी बीजेपी विधायकों पर डाल रही डोरे?
कर्नाटक की सियासत में इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि कांग्रेस एक तरफ अपने विधायकों को बेंगलुरु से शिफ्ट कर उन्हें बचा रही है तो बीजेपी के विधायकों पर डोरे भी डाल रही है। इस संबंध में बीजेपी के एक विधायक प्रीतम गौड़ा से कथित तौर कांग्रेस और जेडीएस ने संपर्क किया है। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ ने इस संबंध में बीजेपी विधायक प्रीतम से बात की। उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा कि वह अपने दल के लिए उतने ही प्रतिबद्ध हैं जितने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह।

आपको बता दें कि कर्नाटक में नई सरकार के गठन के मामले ने एक बड़े राजनीति विवाद का रूप ले लिया है। कर्नाटक की 224 सीटों में से 222 के लिए हुई वोटिंग के बाद बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस प्लस को 38 सीटों पर जीत मिली। जब सरकार बनाने के लिए किसी को बहुमत नहीं मिला तो कांग्रेस ने जेडीएस के साथ पोस्ट पोल गठबंधन कर कुमारस्वामी को सीएम पद का ऑफर दिया। हालांकि राज्यपाल ने अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए पोस्ट पोल अलायंस की बजाय बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता भेजा। येदियुरप्पा ने गुरुवार को सीएम पद की शपथ ली और उन्हें बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल ने 14 दिन दिए।

राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस-जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने फैसला सुनाते हुए येदियुरप्पा को शनिवार शाम 4 बजे तक बहुमत साबित करने का आदेश दे दिया है। बीजेपी का दावा है कि उसके पास बहुमत है। कांग्रेस-जेडीएस का दावा है कि उनके विधायक साथ हैं। ऐसे में कर्नाटक में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर बड़ी-बड़ी बोलियां लगने के आरोप सामने आ रहे हैं।

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