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मंत्री संग बैठक में नहीं बनी बात, तीसरे दिन भी 400 से अधिक डॉक्टरों की हड़ताल जारी

मुम्बई
जे.जे. अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना का असर सोमवार को तीसरे दिन भी देखने को मिला। अस्पताल के 400 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहे। जे.जे. के साथ ही अब बीएमसी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर भी आंदोलन में शामिल होने लगे हैं। डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने के लिए सोमवार को स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने डॉक्टरों के साथ बैठक की। इसके बाद भी रेजिडेंट डॉक्टर सामूहिक अवकाश से लौटने को तैयार नहीं हुए। रेजिडेंट डॉक्टरों ने बताया कि सोमवार की बैठक काफी सकारात्मक रही। हालांकि जब तक अस्पताल में सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था नहीं हो जाती, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। महाराष्ट्र असोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर, जेजे के अध्यक्ष डॉक्टर सारंग कोपरेकर ने कहा कि बैठक में मेडिकल शिक्षा मंत्री के साथ ही डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च के निदेशक डॉक्टर प्रवीण शिंगारे के अलावा जे.जे. अस्पताल के डीन भी उपस्थित रहे।

डॉक्टरों ने बताया कि मंत्री ने हमारी सभी बातें ध्यान से सुनीं और इसे जल्द से जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया। बहरहाल, शनिवार की घटना के बाद से अस्पताल के डॉक्टरों में डर का माहौल है। ऐसे में जब तक अस्पताल में सुरक्षा की व्यवस्था नहीं हों जाती हम सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।

केईएम में भी विरोध
शनिवार को जेजे में हुई घटना के बाद सोमवार को सायन अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर भी ओपीडी से नदारद रहे। इसके कारण अस्पताल आने वाले मरीजों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा। वहीं, बीएमसी के सबसे बड़े केईएम अस्पताल में भी सोमवार को रेजिडेंट डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम करके अपना विरोध जाहिर किया। केईएम मार्ड के अध्यक्ष डॉक्टर आलोक सिंह ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।

मरीजों को न हो दिक्कत
डॉक्टर सारंग ने कहा की चूंकि हम डॉक्टर हैं और हमारे विरोध-प्रदर्शन से मरीजों को दिक्कत न हो, इसके लिए हम जे.जे. में समांतर ओपीडी चला रहे हैं, जहां हम मरीजों को देख रहे हैं। हालांकि, अस्पताल प्रशासन की मानें तो रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा आपातकालीन सेवा से भी इनकार कर दिया है, जिसके चलते अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों की छुट्टियां निरस्त कर उन्हें अस्पताल आने को कहा गया है।

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