मुंबई
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अनुमति के बिना सरकारी विज्ञापन प्रकाशित नहीं किए जाएंगे। मुख्यमंत्री के हरी झंडी मिलने के बाद ही राज्य का सूचना महासंचालनालय विज्ञापन जारी करेगा। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव आर एन मुसले ने शुक्रवार को सरकारी अधिसूचना जारी की है. दरअसल, सरकारी विज्ञापन पर सुझाव देने के लिए राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क महासंचालक की अध्यक्षता में एक समिति पिछले साल 21 जुलाई को गठित की गई थी। उस समिति में मुख्यमंत्री विशेष कार्यकारी अधिकारी (मीडिया सलाहकार), महासंचनालय विज्ञापन विभाग के संचालक, सरकार के संबंधित विभागों के विज्ञापन प्रमुख बतौर सदस्य शामिल थे। समिति की अंतिम मंजूरी के बाद महासंचनालय विज्ञापन प्रकाशित करता था। 1 जून को निकाली गई अधिसूचना में कहा गया है कि विज्ञापन प्रारूप को मंजूरी का अधिकार मुख्यमंत्री को दिया गया है। मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी पहले उन्हें विज्ञापन दिखाएंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद महासंचनालय विज्ञापन जारी करेगा। सरकार के नए फरमान से माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री विज्ञापन जारी करने का अधिकार अपने पास रखेंगे।
सरकार के इस निर्णय को आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। पालघर और भंडारा-गोंदिया लोकसभा उप चुनाव में भाजपा के मतों में आई है। आगामी चुनावों में सरकार के विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाने में विज्ञापन काफी अहम भूमिका निभाते हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने विज्ञापन की बागडोर अपने हाथ में ले ली है।