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भीमा-कोरेगांव संघर्ष: गिरफ्तार रोना विल्सन के पास मिले पत्र से इशारा, हिंसा पूर्वनियोजित थी

भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार 5 लोगों में से एक व्यक्ति के पास से मिले पत्र ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हिंसा पूर्वनियोजित थी। इस पत्र की एक प्रति हमारे सहयोगी अखबार के पास है। 2 जनवरी को लिखे इस पत्र को सीपीआई (माओवादी) के टॉप लीडर मिलिंद तेलतुम्बडे ने एक्टिविस्ट रोना विल्सन के पास भेजा था। मिलिंद के सर पर सरकार ने 50 लाख रुपये का इनाम रखा है। पुलिस इस पत्र की जांच कर रही है जिसमें लिखा है भीमा-कोरेगांव आंदोलन बेहद प्रभावी रहा।

पुलिस ने दिसंबर में आयोजिल एलगार परिषद और इसके बाद जिले में भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में बुधवार को दलित कार्यकर्ता सुधीर धावले, वकील सुरेंद्र गाडलिंग, कार्यकर्ता महेश राउत और शोमा सेन और रोना विलसन को क्रमश: मुंबई, नागपुर एवं दिल्ली से गिरफ्तार किया था। सभी पांचों आरोपियों को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 14 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

पुणे के संयुक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र कदम ने कहा कि पत्र की सामग्री की जांच की जा रही है। हमने कई दस्तावेज एकत्र किए हैं। यह पत्र विल्सन के लैपटॉप से ​​बरामद किए गए दस्तावेजों में से एक है। कदम ने कहा, जांचकर्ताओं के पास एलगार परिषद के संगठन में माओवादियों की भागीदारी और प्रेरणा को इंगित करने वाला ठोस प्रथम दृष्टया सबूत है।

भीमा-कोरेगांव हिंसा में एक 28 साल के युवक की मौत हो गई थी जिसके बाद नए साल के मौके पर कई वाहनों और दुकानों का जला दिया गया। इस हिंसा में 13 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हुई थी। पत्र के मुताबिक, माओवादी आंदोलन से जुड़े लोग दो महीने तक एल्गार परिषद के लिए काम कर रहे थे।

पत्र के मुताबिक, कॉमरेड मंगलू और कॉमरेड दीपू भीमा कोरेगांव प्रोगाम में दो महीने से कॉमरेड सुधीर के साथ काम कर रहे थे। पत्र में इस बात इशारा है कि एक नेशनल पार्टी और अंबेडकर आंदोलन से जुड़े प्रख्यात नेता भी जुड़े हुए थे।

एलगार परिषद के आयोजकों में से एक रिटायर्ड जस्टिस बीजी कोल्से पाटिल ने आरोप लगाया है कि सरकार झूठे मामले बनाने के लिए पुलिस मशीनरी का उपयोग कर रही है।

रिपब्लिकन पैंथर्स की सदस्य और एक और आयोजक हर्षाली पोटदार ने आरोप लगाया, पुलिस ने संभाजी भिड़े जैसे दक्षिणपंथी नेताओं को क्लिन चिट दे दिया है। और दलित कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रही है।

पुणे सिटी पुलिस ने कहा है कि विल्सन के लैपटॉप और कंप्यूटर को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। गाडलिंग और विल्सन के पास मिले दस्तावेज इस बात का इशारा करते हैं कि उनके घनिष्ठ संबंध माओवादियों से है।

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