मुंबई
अमेरिका में नौकरी के लिए जरूरी H1-B वीजा जारी किए जाने में सख्ती बरतने के खिलाफ इमिग्रेशन ऐडवोकेट्स की एक असोसिएशन ने केस दर्ज कराया है। पिछले कुछ वक्त में वीजा के लिए जांच प्रक्रिया को सख्त तो किया ही गया है, साथ ही बड़ी संख्या में आवेदनों को खारिज किया जा रहा है। असोसिएशन ने इसी सिलसिले में संबंधित विभाग से दस्तावेजों के साथ जवाब मांगा है। अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स असोसिएशन (AILA) ने युनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के खिलाफ कोलंबिया कोर्ट में केस दर्ज किया है। दरअसल, 2017 में AILA को उसके सदस्यों से रिपोर्ट्स मिलीं कि वीजा के लिए रिक्वेस्ट फॉर एविडेंस बढ़ती जा रही हैं। इसके अलावा वीसा के कई आवेदनों को खारिज किया जा रहा है। AILA ने मुकदमा दर्ज कर वे दस्तावेज मांगे हैं जो इसके पीछे का आधार हैं। पहले AILA ने USCIS से जवाब मांगा था, जिसका जवाब नहीं मिलने पर मुकदमा किया गया।
मांगे जा रहे सबूत
बता दें कि 1 अक्टूबर से काम शुरू करने के लिए USCIS को 1.90 लाख आवेदन दिए गए जबिक सालाना कोटा 85,000 हजार का है। इसमें 20,000 लोगों के लिए पहले से जगह होती है जिन्होंने अमेरिका की यूनिवर्सिटी से अडवांस्ड डिग्री ली हो। रिक्वेस्ट फॉर एविडेंस (RFE) जारी कर कंपनियों से संबंधित कर्मचारी को वीजा दिए जाने की जरूरत के सबूत देने को कहा जाता है। साथ ही उसकी योग्यता का सबूत भी मांगा जाता है।
‘ट्रंप प्रशासन निकाल रहे तरीके’
पिछले साल 31 अगस्त तक USCIS ने 85,000 RFE जारी कर दिए थे जो कि 2016 के मुकाबले 45% अधिक थे। मूर्ति लॉ फर्म की सीईओ शीला मूर्ति का कहना है कि ट्रंप प्रशासन RFE जारी करने और आवेदन रद्द करने के नए-नए तरीके निकाल रहा है। वह बताती हैं कि उनके 30 साल के करियर में यह पहले कभी नहीं देखा या सोचा गया।
टेक्नॉलजी सेक्टर में समस्या
इमिग्रेशन.कॉम में मैनेजिंग अटर्नी राजीव खन्ना का कहना है कि ऐसे मामले जिन्हें आसानी से अप्रूव कर दिया जाना चाहिए, उनसे भी RFE के जरिये सवाल किए जा रहे हैं। अगर किसी मुद्दे का आवेदन से संबंध नहीं भी है, तो भी सामान्य सवालों की तरह उसे उठाया जा रहा है।
NPZ लॉ ग्रुप के मैनेजिंग अटर्नी डेविड ने बताया कि फिलहाल USCIS के निशाने पर टेक्नॉलजी कंपनियां हैं। उन्होंने बताया कि नॉन-टेक्नॉलजी सेक्टर की कई कंपनियों के सीधे अप्रूवल मिल गया।