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‘खराब कार’ देने पर बिजनसमैन ने ऑडी से मांगा 6.64 करोड़ रुपये

मुंबई
महाराष्ट्र के बिजनसमैन और ऐक्टर सचिन जोशी ने मशहूर कार निर्माता कंपनी ऑडी पर करीब 6.64 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग करते हुए केस किया है। कन्ज्यूमर प्रॉटेक्शन ऐक्ट 1986 समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराते हुए सचिन जोशी ने ऑडी से मुआवजे की राशि देने की मांग की है। सचिन जोशी के अलावा पुणे के रियल एस्टेट कारोबारी अविनाश भोंसले ने भी ऑडी कंपनी पर उन्हें खराब कार की डिलिवरी देने दोनों कारोबारियों का आरोप है कि कंपनी ने उन्हें डिफेक्टिव कार की सप्लाई दी है, जिसके कारण उन्हें लंबे समय तक परेशानी उठानी पड़ी है। जानकारी के अनुसार, सचिन जोशी ने ऑडी इंडिया, उसकी सब्सिडियरी कंपनी ऑडी एजी और कंपनी के मुंबई स्थित तीन सर्विस सेंटर्स के खिलाफ कन्ज्यूमर प्रॉटेक्शन ऐक्ट के तहत केस दर्ज कराते हुए मुआवजे की मांग की है।

बैंक से लोन भी लिया
इस केस में सचिन ने ऑडी से मुआवजे के रुप में 5 करोड़ रुपये, कार की खरीद के समय दिए गए 1 करोड़ 22 लाख रुपये, इसकी सर्विस के लिए कथित रुप से खर्च किए गए 27.27 लाख रुपये और मुकदमे के खर्च के रुप में दिए गए 10 लाख रुपये वापस देने की मांग की है।

सचिन का कहना है कि उन्होंने इस कार को कंपनी के नवी मुंबई स्थित ऑधिकारिक सर्विस सेंटर से साल 2013 में खरीदा था और इसकी खरीद के लिए एक निजी बैंक से करीब 70 लाख रुपये का लोन भी लिया था। सचिन ने दावा किया कि कार मिलने के एक महीने के भीतर ही इसके इंजन में दिक्कत आने लगी और कार चलाते वक्त वाइब्रेशन की शिकायत होने पर उन्होंने इसे जनवरी 2014 में सर्विस सेंटर में रिपेयर के लिए भेज दिया।

कार वापस लेने से इनकार
इस बारे में सचिन ने कहा ‘हर बार सर्विस सेंटर में भेजे जाने पर वहां मौजूद लोगों ने सर्विस और स्पेयर के नाम पर एक बिल बना दिया और सभी इसका दावा करने लगे कि कार की सभी परेशानियां दूर कर दी गई हैं। लेकिन इन सब के बीच भी उन दिक्कतों में सुधार नहीं हुआ, जिनके लिए कार को बार-बार सर्विस सेंटर में भेजा जाता था। खरीद के बाद से अब तक 80 फीसदी समय कार सर्विस सेंटर में ही पड़ी रही, जिसके कारण परेशानी का समाना करना पड़ा।’

सचिन ने कहा कि कंपनी के इस रवैये से तंग आकर उन्होंने साल दिसंबर 2017 में कंपनी के सर्विस सेंटर से अपनी कार वापस लेने से इनकार कर दिया और ऑडी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी।

आरोपों पर कंपनी की सफाई
वहीं दूसरी ओर कारोबारी अविनाश ने कहा कि उन्होंने 2012 में ऑडी के आधिकारिक शोरुम से कंपनी की ऑडी ए 8 मॉडल की गाड़ी खरीदी थी। इसके बाद कार में वाइब्रेशन और स्पीड बढ़ाने के दौरान जर्क की शिकायत आने पर उन्होंने इसे कंपनी के ठाणे स्थित सर्विस सेंटर में भेजा, यहां कुछ ही दिनों में उनसे करीब 11.64 लाख रुपये चार्ज कर लिए गए।

अविनाश ने कहा कि हमारे पास ऐसी कई वजह है जो यह साबित करती है कि कंपनी ने हमें खराब गाड़ियां दी थीं, इसीलिए इसकी शिकायत दर्ज कराई गई है। अगर कंपनी इसपर कार्रवाई नहीं करती है तो आने वाले समय में इसके खिलाफ लीगल ऐक्शन लिया जाएगा। दोनों कारोबारियों के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑडी इंडिया के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ‘दोनों कारों को साल 2012 में खरीदा गया था और अब यह दोनों वॉरंटी की मियाद से बाहर हैं। कार के संबंध में दोनों कारोबारियों की शिकायत को समय से सुना गया था, साथ ही समस्याओं का समाधान भी कराया गया था।’

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