नई दिल्ली। भारत ने अमेरिकी कारोबारी कार्रवाई का जवाब देते हुए बादाम, अखरोट, सेब, काला चना और मसूर सहित 29 वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। इससे अमेरिका से आयातित ये वस्तुएं देश में महंगी हो जाएंगी। वित्त मंत्रालय का कहना है कि बढ़ा हुआ आयात शुल्क चार अगस्त से प्रभावी होगा। हालांकि अमेरिका से आयात होने वाली मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। इन वस्तुओं पर शुल्क बढ़ा
काला चना और काबुली चना पर आयात शुल्क 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत, मसूर पर 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया गया है। बादाम गिरी पर 100 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये प्रति किलो, साबुत बादाम पर 35 रुपये से बढ़ाकर 42 रुपये प्रति किलो, अखरोट पर शुल्क 30 फीसद से बढ़ाकर 120 फीसद किया गया है। अमेरिकी सेब पर शुल्क 50 फीसद से बढ़ाकर 75 फीसद किया गया है। बोरिक एसिड पर शुल्क बढ़ाकर 17.50 फीद और फॉस्फोरिक एसिड पर 10 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद किया गया है।
डायग्नोस्टिक रीजेंट्स पर शुल्क 10 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद और फाउंड्री मोल्ड के लिए बाइंडर्स पर शुल्क 17.5 फीसद किया गया है। आयरन के फ्लैट रोल्ड उत्पादों पर शुल्क 15 फीसद से बढ़ाकर 27.50 फीसद और स्टेनलेस स्टील के कुछ फ्लैट रोल्ड उत्पादों पर 15 फीसद से बढ़ाकर 22.5 फीसद किया गया है। श्रिम्प (मछली) की एक किस्म आर्टेमिया पर शुल्क बढ़ाकर 30 फीसद किया गया है। जिन अन्य उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है, उनमें कई प्रकार के नाशपाती, स्टील ट्यूब और पाइप फिटिंग जैसे उत्पाद शामिल हैं।
भारत ने पिछले सप्ताह विश्व व्यापार संगठन को 30 उत्पादों की एक सूची भेजी थी, जिन पर उसने 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क बढ़ाने का इरादा जताया था। भारत ने यह कदम अमेरिका द्वारा भारतीय स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद उठाया है। अमेरिका के इस निर्णय से भारतीय उत्पादों पर 24 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त शुल्क बोझ पड़ेगा। माना जा रहा है कि भारत ने भी अमेरिका से आयात होने वाले उत्पादों पर जो ड्यूटी बढ़ाई है, उससे इतना ही भार पड़ेगा।
सूत्रों के मुताबिक भारत ने जिन 30 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया था, उसमें से 800 सीसी से अधिक क्षमता की मोटरसाइकिलों को छोड़ दिया गया है जबकि बाकी 29 उत्पादों पर अतिरिक्त आयात शुल्क बढ़ा दिया गया है। अमरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नौ मार्च को आयातित स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया था जिसके बाद ग्लोबल ट्रेड वार की आशंका बढ़ गई। भारत का कहना है कि अमेरिका ने जो ड्यूटी लगायी उससे 19.86 करोड़ डॉलर का प्रभाव स्टील उत्पादों के निर्यात पर तथा 4.22 करोड़ डॉलर का असर एल्युमीनियम निर्यात पर पड़ेगा। इसके बाद भारत ने अमेरिका के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन में शिकायत भी की। भारत हर साल अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर मूल्य के स्टील और एल्युमीनियम उत्पाद निर्यात करता है।
उत्पाद 2016-17 2017-18 बदलाव प्रतिशत में
बादाम 51.83 66.8 28.92
बादाम गिरी 2.48 2.82 13.98
अखरोट 3.26 3.80 16
सेब 7.0 10.7 53
मसूर 8.5 1.8 -78
हॉट रोल्ड क्वायल 0.26 2.56 857
डायग्नोस्टिक रीजेंट 11.5 11.7 2
बोरिक एसिड 0.45 0.21 -51।
देशी चना और काबुली चना (चिकपीज) पर आयात शुल्क बढ़ाकर 60 प्रतिशत, सेब पर 120 प्रतिशत, मसूर पर 30 प्रतिशत, बादाम पर 42 रुपये प्रति किलो और अखरोट पर 120 रुपये प्रति किलो कर दिया गया है। इसी तरह आर्टेमिआ श्रिम्प पर भी आयात शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया है। बोरिक ऐसिड और बाइन्डर्स पर आयात शुल्क बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत तथा रीजेंट्स पर बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दी गयी है। जिन अन्य उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है उनमें कई प्रकार के नट, आयरन और स्टील प्रोडक्ट, सेब, पीयर्स यानी नाशपाती, स्टेनलेस स्टील के उत्पाद, ट्यूब और पाइप फिटिंग जैसे उत्पाद शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत ने पिछले सप्ताह विश्व व्यापार संगठन को 30 उत्पादों की एक सूची भेजी थी जिन पर उसने 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क बढ़ाने का इरादा जाहिर किया था। उल्लेखनीय है कि भारत ने यह कदम अमेरिका द्वारा भारतीय स्टील और एल्युमिनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया था। अमेरिका के इस निर्णय से भारतीय उत्पादों पर 24 करोड़ डालर का अतिरिक्त टैरिफ बोझ पड़ेगा। माना जा रहा है कि भारत ने भी अमेरिका से आयात होने वाले उत्पादों पर जो ड्यूटी बढ़ाई है उससे इतना ही भार पड़ेगा।
सूत्रों के मुताबिक भारत ने जिन 30 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया था उसमें से 800 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिलों को छोड़ दिया गया है जबकि बाकी 29 उत्पादों पर अतिरिक्त आयात शुल्क बढ़ा दिया गया है।
अमरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 9 मार्च को आयातित स्टील और एल्युमिनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया था जिसके बाद ग्लोबल ट्रेड वार की आशंकाएं घर करने लगी थी। भारत का कहना है कि अमेरिका ने जो ड्यूटी लगायी उससे 19.86 करोड़ डालर का प्रभाव स्टील उत्पादों के निर्यात पर तथा 4.22 करोड़ डालर का असर एल्युमिनियम निर्यात पर पड़ा है। इसके बाद भारत ने अमेरिका के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन में शिकायत भी की है। भारत हर साल अमेरिका को 1.5 अरब डालर मूल्य के स्टील और एल्युमिनियम उत्पाद निर्यात करता है।