मुंबई
बॉम्बे डिवेलपमेंट डायरेक्टोरेट (बीडीडी) की वर्ली स्थित चालियों के पुनर्विकास का जिम्मा टाटा की कंस्टोरियम को दिया गया है। परियोजना की प्लानिंग और कोस्टिंग के बाद परियोजना में 800 करोड़ रुपये से 1000 करोड़ रुपये तक का इजाफा होने का मामला सामने आया है। हालांकि म्हाडा और टाटा कंस्टोरियम ने इसे मामूली सा इजाफा बताया है। दोनों ही तरफ से यह कहा गया है कि बड़ी परियोजनाओं में थोड़ा-बुहत कॉस्टिंग के समय फर्क आता है। बता दें कि म्हाडा ने मुंबई स्थित बीडीडी चॉलियां, जो 90 से 100 साल पुरानी हैं। उनके पुनर्विकास का निर्णय लिया था। अप्रैल, 2017 में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा चालियों के पुनर्विकास का भूमि पूजन किया गया था। बीडीडी चॉलियां तीन अलग-अलग जगहों पर स्थित हैं। ना.म. जोशी चॉल, नायगांव बीडीडी चॉल और वर्ली बीडीडी के नाम शामिल हैं। ना.म. जोशी और नायगांव स्थित बीडीडी चालियों के पुनर्विकास का ठेका म्हाडा ने पहले ही दे दिया था। लेकिन वर्ली की बीडीडी की चालियों का पुनर्विकास का ठेका हाल ही में दिया जा सका। वर्ली की चालियों के पुनर्विकास का जिम्मा टाटा कंस्टोरियम को दिया गया है। वर्ली बीडीडी चालियों का पुनर्विकास 11,700 करोड़ की रुपये की लागत से किया जाएगा।
ऊंची मंजिलों ने बढ़ाई परियोजना की लागत
बीडीडी वर्ली के पुनर्विकास की लागत 10,700 करोड़ रुपये थी। लेकिन जब टाटा कंस्टोरियम की ओर से परियोजना की कॉस्ट ऑडिट की गई तो परियोजना की लागत में 800 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। म्हाडा के वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि पुनर्विकास का ठेका 10,700 करोड़ रुपये में दिया गया था, लेकिन ऑडिट में 800 करोड़ रुपये का इजाफा सामने आया है। जानकारी के अनुसार, पुनर्विकास में सिर्फ 66 मंजिला टॉवर बनाने की बात तय की गई थी। लेकिन म्हाडा द्वारा बेचने वाले घरों के टॉवर को 80 मंजिला बनाने की बात कही गई। इस वजह से भी परियोजना की लागत में इजाफा होने की बात टाटा कंस्टोरियम के वरिष्ठ अधिकारी ने कही।
10,000 परिवारों को मिलेंगे नए घर
वर्ली की बीडीडी चालियों में 10,000 परिवार रहते हैं, जिनका पुनर्विकास अगले 8 सालों में 5 चरणों में किया जाएगा। बीडीडी चालियों में यह सबसे बड़ा इलाका है। यहां 121 चालियां हैं। परियोजना की लागत शुरुआत में 10,700 करोड़ रुपये तय की गई थी, लेकिन कॉस्ट ऑडिट के बाद लागत 11,744 करोड़ रुपये पहुंच गई है। इन चालियों के पुनर्विकास में 98 इमारतें रिहैब और सेल कंपोनेंट की इमारतें बनाई जाएंगी। इमारतें 22 से 66 फ्लोर की होंगी। लेकिन सबसे ऊंची बिल्डिंग 80 फ्लोर की होने की जानकारी मिली है।
बीडीडी चालियों की खासियत
एनएम जोशी मार्ग चॉल:
– कुल 32 चालियां हैं
– 2,560 टेनेंट्स रहते हैं
– पुनर्विकास की लागत 2,400 करोड़ रुपये
– 22-42 मंजिला इमारतें बनाई जाएंगी।
– परियोजना सात साल में पूरी होगी
नायगांव बीडीडी चॉल:
-कुल 42 चालियां
– 3,344 परिवार रहते हैं
– परियोजना की लागत 2,800 करोड़ रुपये है
– 22-62 मंजिला की इमारतें बनाई जाएंगी
– ठेका लार्सन ऐंड टुब्रो को दिया गया है
– 8 साल में परियोजना होगी पूरी
वर्ली बीडीडी चॉल
– कुल 121 चालियां हैं
– 10000 परिवार रहते हैं
– परियोजना की लागत 11744 करोड़ रुपये
– 8 साल में काम होगा पूरा
-22- 80 मंजिला टॉवर बनाए जाएंगे