चीन के सरकारी बैंक अपने देश में लोगों को क़र्ज़ देने से ज़्यादा क़र्ज़ दूसरे मुल्क को दे रहे हैं. चीनी बैंकों के इस क़दम को वहां की सरकार की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है.
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वन बेल्ट वन रोड परियोजना के तहत कई देशों में आधारभूत ढांचा के विकास के लिए समझौते किए हैं, लेकिन इन समझौतों को एकतरफ़ा बताया जा रहा है.
चीन दुनिया भर के कई देशों में आधारभूत ढांचा के विकास पर काम कर रहा है और उसने भारी निवेश किया है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार 2016 में पहली बार चीन के चार बड़े सरकारी बैंकों में से तीन ने देश में कॉर्पोरेट लोन देने से ज़्यादा बाहरी मुल्कों को क़र्ज़ दिए.
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन अपनी कंपनियों को दुनिया के उन देशों में बिज़नेस करने के लिए आगे कर रहा है जहां से एकतरफ़ा मुनाफ़ा कमाया जा सके. रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए क़र्ज़ रणनीति को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है.