मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एक बार फिर भारी बारिश की चपेट में है। शनिवार को शुरू हुई मॉनसून की बारिश से शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है। वहीं, बारिश का असर मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवा पर भी पड़ा है। कई जगह लोकल ट्रेनें देरी से चल रही हैं। इस बीच दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने गुजरात में भी दस्तक दे दी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि भारी बारिश का दौर अभी जारी रहेगा। मुंबई में बारिश से जुड़े हादसों में दो लोगों की मौत की भी खबर है। कई इलाकों में भरा पानी
शनिवार को शुरू हुई बारिश रविवार और फिर सोमवार सुबह भी जारी है। धारावी और सायन इलाके में बारिश के बाद जलभराव हो गया। धारावी, सायन, बांद्रा, कुर्ला और चेंबूर समेत शहर के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद घरों में पानी घुस गया।
भारी बारिश के बीच रविवार को मेट्रो सिनेमा के पास एमजी रोड इलाके से गुजर रहे लोगों पर एक पेड़ गिर गया। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 घायल हुए हैं। बारिश से दादर के टीटी सर्कल और हिंदमाता में जलभराव हो गया। इसके अलावा खार सबवे, अंधेरी सबवे और मलाड सबवे में पानी भरने से ट्रैफिक पर बुरा असर पड़ा है।
स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी घोषित
मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी उपनगर में 122 मिलीमीटर और पश्चिमी उपनगर में 141 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की सांताक्रूज ऑब्जर्वेट्री ने पिछले 24 घंटों के दौरान (रविवार सुबह 8.30 से सोमवार सुबह 5.30 बजे तक) 195 मिलीमीटर बारिश दर्ज की है, जबकि आईएमडी की कोलाबा ऑब्जर्वेट्री ने 90 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की है। यह भारी बारिश की कैटिगरी में आता है।
सुबह 5.30 बजे कोलाबा में 90 मिलीमीटर और मलाड वेस्ट में 110 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। वहीं, बारिश को देखते हुए कई स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है। इस बीच मौसम विभाग ने हाई टाइड की भी चेतावनी जारी की है। 26 से 29 जून तक मुंबई में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
इस बीच बारिश से निपटने के बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के दावों पर सवाल उठ रहे हैं। चेंबूर ईस्ट इलाके की पोस्टल कॉलोनी में लोगों का हाल बेहाल है। यहां कॉलोनी में बारिश का पानी घुसने के बाद एक कार पानी में डूबी नजर आई। रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी लोगों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है।
लोकल ट्रेनें 15-20 मिनट लेट
सड़कों पर जगह-जगह जलभराव से बीएमसी के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। अभी मॉनसून की शुरुआत हुई है और आने वाले दिनों में बारिश का यही हाल रहा, तो मुंबई के लोगों की मुश्किलें और बढ़ेंगी। जहां एक ओर जलभराव से लोगों को मुसीबत झेलनी पड़ रही है, वहीं दूसरी ओर बारिश ने शहर की रफ्तार भी एक बार फिर थाम दी है। लोकल ट्रेन के संचालन पर इसका असर पड़ा है। ज्यादातर रूट पर लोकल ट्रेनें देरी से चल रही हैं।
सेंट्रल रेलवे की सभी तीन लाइन- मेन, हार्बर और ट्रांस हार्बर पर लोकल ट्रेनें 5 से 7 मिनट के विलंब से चल रही हैं। वेस्टर्न लाइन पर बोरीवली और कांदीवली के बीच तकनीकी खराबी की वजह से लोकल लेट चल रही है। वहीं, ठाणे और भायकुला स्टेशनों के बीच अप और डाउन लाइन पर लोकल ट्रेन 15 से 20 मिनट की देरी से चल रही है। भारी बारिश की वजह से ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर भी पानी भर गया, वहीं जलभराव की वजह से शहर के कई इलाकों में लंबा जाम देखा जा रहा है।
विमान सेवाओं पर असर
बारिश की वजह से मुंबई एयरपोर्ट पर विमान सेवाओं पर असर पड़ा है। रविवार दोपहर से लगातार हो रही बारिश से मेन रनवे से फ्लाइट ऑपरेशंस को रोकना पड़ा। इस दौरान करीब 30 मिनट तक विमानों की आवाजाही प्रभावित हुई।
मौसम विभाग के एक अधिकारी का कहना है, ‘सोमवार को बारिश की तीव्रता में कमी आने की संभावना है। दक्षिण कोंकण और इसके आस-पास के इलाकों के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है और दूसरा साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तर कोंकण से लगे दक्षिण गुजरात के इलाकों में छाया हुआ है। केवल दक्षिण गुजरात, कोंकण और गोवा के इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।’
इस बार एक दिन पहले पहुंचा मॉनसून
मुंबई में इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून तय समय से एक दिन पहले ही पहुंच गया। आम तौर पर मुंबई में 10 जून तक मॉनसून पहुंचता है, हालांकि इस बार यह 9 जून को ही पहुंच गया। इस साल केरल में भी समय से पहले ही मॉनसून ने दस्तक दी थी। मॉनसून की बारिश से पूर्व इस साल मध्य रेल ने 19 ऐसे स्थानों की पहचान की थी, जहां भारी बारिश के कारण जल जमाव हो जाता है। वहां पर 12.5 हॉर्सपावर और 32 हॉर्सपावर के पंप लगाए गए हैं।
बीएमसी ने 15 स्थानों पर 18 पंप उपलब्ध कराए हैं। इन 18 में से दो पंप कुर्ला और सायन में लगाए हैं। मौसम विभाग की पूर्व सूचना के आधार पर मध्य और पश्चिम रेलवे ने कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी थीं। वहीं, बारिश के बाद बदइंतजामी को रोकने के लिए बीएमसी ने भी अपने अफसरों और कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त की थीं।