वसई
वालीव पुलिस स्टेशन क्षेत्र में 7 जून की रात हुई फायरिंग के बाद युवक की मौत के मामले में चौंकने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में वसई-विरार शहर मनपा की एक नगरसेविका के बेटे को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि नगरसेविका के बेटे ने शूटरों को नालासोपारा के एक व्यापारी की हत्या के लिए डेढ़ लाख रुपये की सुपारी दी थी। लेकिन, वारदात को अंजाम देने से पहले ही मजाक में गोली चल गई और शूटरों के साथ मौजूद 17 वर्षीय शुभम की मौत हो गई। इससे व्यापारी की हत्या की साजिश नाकाम हो गई। पुलिस के अनुसार, वारदात के बाद शूटर अपनी पिस्टल लेकर फरार हो गए, जबकि पुलिस ने गोली चलाने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल, हत्या करने के लिए डेढ़ लाख रुपये की सुपारी लेने वाले शूटर अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। इधर, पुलिस को जांच के दौरान एक खास सुराग हाथ लगा।
बताया गया है कि 20 दिन की जांच में वसई-विरार शहर मनपा की एक नगरसेविका के बेटे अमित पेंढारी की कॉल डिटेल में पुलिस ने पाया कि फरार शूटरों को अमित ने एक क्षेत्रीय व्यापारी की हत्या के लिए डेढ़ लाख की सुपारी दी थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर गुरुवार को वसई कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने उसे 3 दिन की पुलिस हिरासत भेज दिया है।
यह है मामला
गौरतलब है कि 7 जून की सुबह पालघर क्राइम ब्रांच के पुलिस उप निरीक्षक हितेंद्र विचारे को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ युवक सुपारी लेकर नालासोपारा के किसी व्यापारी की हत्या करने के लिए पेल्हार स्थित वनोठापाडा इलाके में आए हैं। सूचना के बाद हितेंद्र विचारे की टीम वहां पहुंची, तो कहानी कुछ और ही निकली। पिस्टल तो नहीं मिली, लेकिन हत्या की सनसनीखेज वारदात का खुलासा हो गया।
सूत्रों के अनुसार, हत्या करने आए शूटर दीपक मलिक व अनिल सिंह पुलिस के आने से पहले वहां से पिस्टल लेकर फरार हो गए, जबकि फायरिंग करने वाला कैलाश वाघ पकड़ा गया। शुभम की लाश को ठिकाने लगाने के लिए वाघ 24 घंटे तक घर बैठे ही योजना बनाता रहा। उसने शुभम की लाश फ्रिज में रख दी थी, ताकि बाहर दुर्गंध न फैले।