पटना : भोजपुरी और असमी लोकगीतों की जानी-मानी गायिका कल्पना पटवारी ने भाजपा की सदस्यता ले ली है. पटना में आयोजित भाजपा के एक समारोह में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव, रवि शंकर प्रसाद, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी आदि नेताओं की उपस्थिति में कल्पना भाजपा में शामिल हुईं.
राजनीतिक मंचों से हमेशा दूर रही कल्पना पटवारी ने इस मौके पर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्रियाकलापों ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया. उनकी सोच देश को दुनिया में सबसे आगे ले जाने की है. उन्होंने कहा कि एक कार्यकर्ता होने के नाते वह अपनी कला से भाजपा के हित में काम करेंगी.यहां यह जानना गौरतलब है कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से मनोज तिवारी, रवि किशन और पवन सिंह जैसे बड़े दिग्गज पहले से ही भाजपा के सदस्य हैं.
मालूम हो कि कल्पना पटवारी एक लोक गायिका हैं, जो मूल रूप से आसाम के बारपेटा की रहनेवाली हैं. कल्पना ने भोजपुरी के अलावा असमी में कई लोकप्रिय गाने गाये हैं.
यही नहीं, उन्होंने बॉलीवुड के लिए भी प्लेबैक सिंगिंग की है. अब तक वह 30 भाषाओं में गानों को अपनी आवाज दे चुकी हैं. यही नहीं, कल्पना कई रियलटी शो को जज भी कर चुकी हैं.
भोजपुरी क्वीन कल्पना पटवारी को ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा कॉमनवेल्थ गेम-2018 के समापन समारोह में भारतीय लोकसंगीत को प्रस्तुत करने हेतु आमंत्रित किया जाना उनके लिए, एक स्त्री के लिए और पूरे भोजपुरी जगत के लिए गौरव की बात है.
कल्पना ने ऑस्ट्रेलिया में छठ पूजा एवं भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की रचना गंगास्नान के गीतों के साथ-साथ पांच अन्य भाषाओं में भी अपने मधुर स्वरों से सबको मंत्रमुग्ध किया.
भोजपुरी लोकसंगीत को एम टीवी कोक स्टूडियो, बकार्डी एनएच 7 म्यूजिक फेस्टिवल, ओस्लो मेला फेस्टिवल नार्वे जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का श्रेय कल्पना को जाता है.
वर्ष 2015 में वाराणसी में गंगा आरती के कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे के समक्ष कल्पना ने भिखारी ठाकुर के गंगास्नान के गीतों को स्वर देकर कार्यक्रम में चार-चांद लगाये थे.
सूरीनाम दैनिक समाचार पत्र ने वर्ष 2014 में इन्हें भोजपुरी वंडरकाइंड, यानी भोजपुरी की विलक्षण प्रतिभावाली महिला के रूप में मुख पृष्ठ पर स्थान देकर इन्हें सम्मानित किया. अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के 25 छात्र भोजपुरी लोकवाणी में भिखारी ठाकुर पर इनके द्वारा किये गये कार्यों का अध्ययन करने के लिए मुंबई आये हैं.
कल्पना पटवारी भोजपुरी गायन के साथ-साथ समाज में महिलाओं की सशक्तीकरण, उनपर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठाती रही हैं.