मुंबई
महाराष्ट्र में दूध उत्पादक किसानों और दूध संघों द्वारा दूध के दाम में इजाफे की मांग पर आंदोलन शुरू हो गया है। कीमत में पांच रुपये की वृद्धि और दूध से बनने वाले पाउडर को अनुदान की अपनी मांग पूरी कराने के लिए आंदोलनकारी और दूध संघ मुंबई में दूध आपूर्ति ठप करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच आंदोलन की अगुआई कर रहे स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के कार्यकर्ताओं ने पुणे में जबरन दूध की सप्लाई को रोक दिया।
पूरे राज्य में रविवार की रात से दूध आंदोलन शुरू कर दिया गया है। स्वाभिमानी शेतकरी पार्टी के नेता और सांसद राजू शेट्टी का कहना है कि जब तक सरकार मांगें नहीं मानेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। फिलहाल आंदोलनकारियों द्वारा सोमवार को एक दिन के लिए मुंबई की दूध आपूर्ति रोकने की बात कही जा रही है लेकिन अगर आंदोलन तेज हुआ, तो मुंबई में दूध की किल्लत बढ़ सकती है।
राजू शेट्टी बोले- बाहर का दूध नहीं लाने देंगे
सोमवार सुबह स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के वर्कर्स ने पुणे के पास दूध लेकर जा रही गाड़ियों को रोक दिया। करीब के शहरों में ये गाड़ियां दूध सप्लाई कर रही थीं। इस बीच सांसद राजू शेट्टी ने कहा, ‘सरकार कहती है कि दूध दूसरे राज्यों खास तौर पर गुजरात और कर्नाटक से लाया जाएगा। हम एक सत्याग्रह करेंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि बाहर से कोई भी दूध न लाया जा सके। हमारे आंदोलन को रोकने के लिए यह सरकार की एक चाल है।’
दूध अभिषेक से शुरुआत
राजू शेट्टी ने रविवार की रात 12 बजकर 1 मिनट पर पंढरपुर में भगवान पांडुरंग का दुग्धाभिषेक कर आंदोलन की घोषणा की। वहीं, अहमदनगर जिले में स्वाभिमानी शेतकरी पार्टी के नेताओं ने शिरडी साईं मंदिर में दुग्धाभिषेक कर आंदोलन का ऐलान किया।
मियाद से पहले आंदोलन शुरू
आंदोलन रविवार मध्य रात्रि से शुरू होने का ऐलान किया गया था लेकिन रविवार शाम से ही आंदोलनकारी सड़क पर उतर आए और दूध आपूर्ति ठप करने में जुट गए। उस्मानाबाद में मदर डेयरी का साढ़े बारह हजार लीटर दूध से भरा टैंकर आंदोलनकारियों द्वारा रोक लिया गया। इसी तरह अमरावती जिले में वरुड के पास शेतकरी संगठन के आंदोलनकारियों ने नागपुर जा रहे दूध से भरे टैंकर को आग लगाने की कोशिश की। आंदोलन के मद्देनजर कोल्हापुर में पुलिस ने स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना शुरू कर दिया है।
एक दिन में पांच करोड़ का नुकसान
अहमदनगर जिले में सभी दूध संघों ने रविवार शाम से दूध का संकलन बंद कर दिया है। खबरों के मुताबिक प्रभात, एस. आर थोरात, राजहंस, कृष्णाई, पंचमहल आदि दूध संघों ने दूध संकलन रोक कर आंदोलन को समर्थन दिया है। इसी तरह कोल्हापुर में गोकुल दूध संघ ने रविवार से दूध संकलन बंद कर दिया है। अकेला गोकुल दूध संघ मुंबई को रोजाना 7 लाख लीटर दूध की आपूर्ति करता है। खबरों में बताया जा रहा है कि एक दिन दूध संकलित न करने से गोकुल को करीब पांच करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।
बैठक से नहीं निकला हल
दूध आंदोलन को रोकने के लिए राज्य के सहकारी और निजी दूध संघों के साथ शनिवार को एक बैठक हुई थी। इसमें सरकार की तरफ से दुग्ध उत्पादन मंत्री महादेव जानकर और दुग्ध उत्पादक किसानों की तरफ से सांसद राजू शेट्टी शामिल हुए थे। इस बैठक में मंत्री महादेव जानकर ने 20 जून से गाय के दूध का दाम तीन रुपये प्रति लीटर बढ़ाने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि जीएसटी कम होते ही सरकार दूध की कीमतों में 1 रुपये का इजाफा और करेगी लेकिन राजू शेट्टी इससे सहमत नहीं थे। वह चाहते थे कि सरकार एकमुश्त पांच रुपये की वृद्धि करे। साथ ही उनकी मांग थी कि दूध के अतिरिक्त उत्पादन से दूध पाउडर बनाने और मक्खन के बारे में भी सरकार तत्काल निर्णय घोषित करे। इसके लिए उनकी मांग थी कि दूध उत्पादक किसानों के पास जो अतिरिक्त दूध है, उसे सरकारी दूध डेयरी महानंद के मार्फत सरकार 27 रुपये प्रति लीटर के भाव से खरीदे।