मुंबई
लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी फैलाने वाले चूहों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए बीएमसी ने महानगर में 2 लाख से अधिक चूहे मारे हैं। चूहों की बढ़ती संख्या से आमजन के साथ बीएमसी भी परेशान है। औसत देखें, तो हर महीने 30 हजार से अधिक चूहे महानगर में मारे जा रहे हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने मुंबईकरों से चूहों को बढ़ाना वाली चीजें खुले में न छोड़ने की अपील की है। अब तक 3 की मौत
बारिश के दौरान चूहों के मूत्र से फैलने वाली बीमारी लेप्टोस्पायरोसिस बेहद खतरनाक है। जून से लेकर अब तक इस बीमारी से 3 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। ताजा मामला वर्ली का है, जहां 17 साल लड़के की मौत हो गई। बीएमसी कीटनाशक विभाग के प्रमुख डॉ. आर. नारिंग्रेकर ने बताया कि मॉनसून शुरू होने से पहले हर साल चूहों पर नियंत्रण रखने के लिए अभियान चलाया जाता है।
मानखुर्द में सबसे अधिक चूहे
बीएमसी कीटनाशक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी से लेकर जून तक महानगर में 2 लाख 11 हजार 705 चूहे मारे जा चुके हैं। सबसे अधिक चूहे मानखुर्द (32,935), भायखला (23,762) और घाटकोपर (23685) में मारे गए हैं।
एक जोड़ी चूहे से 15 हजार
डॉ. आर. नारिंग्रेकर ने बताया कि प्रजनन के 21 दिन बाद चुहिया 10-12 बच्चों को जन्म देती है, जो तकरीबन 45 दिन में वयस्क हो जाते हैं। एक जोड़ी चूहे सालभर में करीब 15 हजार चूहों को पैदा करते हैं। चूहा दिखने पर इसकी शिकायत बीएमसी से करनी चाहिए।
बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अधिकारी डॉ. पद्मजा केसकर ने बताया, ’30 मिनट से अधिक समय तक पानी में रहने के बाद अगर बुखार या किसी भी तरह की समस्या होती है, तो नजदीकी डॉक्टर से इस बारे में परामर्श ले लेना चाहिए।’