मुंबई
राज्य के दुग्ध उत्पादक किसानों से गाय का दूध खरीदने वाले दुग्ध संघों को अब उन्हें कम से कम 25 रुपये प्रति लीटर का भाव देना अनिवार्य होगा। यह फैसला 21 जुलाई से लागू होगा। गुरुवार को नागपुर में विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है।
सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से राज्य में पिछले चार दिन से चली आ रही दूध हड़ताल के खत्म हो जाएगी। हालांकि दूध हड़ताल का नेतृत्व कर रहे सांसद राजू शेट्टी ने सरकार के इस फैसले पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वैसे नागपुर में बैठक से पहले मुंबई में किसान नेता राजू शेट्टी और जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन के बीच दिन में बातचीत हुई। एयरपोर्ट के नजदीक सरकारी ‘नंदगिरी गेस्ट हाउस’ में बातचीत के बाद शेट्टी ने आंदोलन वापस लेने की संभावना से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि हर दिन जो 40 हजार लीटर गाय के दूध का अतिरिक्त उत्पादन हो रहा है, उसे भी पांच रुपये प्रति लीटर की दर से अनुदान मिलना चाहिए।
दूध संघों को पैसा देगी सरकार
दुग्ध हड़ताल करने वालों की मुख्य मांग किसानों को गाय के दूध के दूध पर पांच रुपये प्रति लीटर अनुदान देने की थी। यह अनुदान सीधे किसानों के खाते में जमा कराए जाने की मांग की जा रही थी। लेकिन हर किसान के खाते में पैसा जमा कराना सरकार के लिए तत्काल संभव नहीं था। इसलिए सरकार ने बीच का रास्ता निकाला कि वह पांच रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दुग्ध संकलन संघों को अनुदान देगी और दुग्ध संघ यह पैसा किसानों को देंगे। हालांकि सरकार के इस फैसले से हर महीने सरकारी खजाने पर 75 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की बात कही जा रही है।