नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले सप्ताह 23 से 27 जुलाई तक रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर जाएंगे. दक्षिण अफ्रीका की यात्रा के दौरान वह ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे जिसमें अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा समेत कई वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) टी. एस. तिरुमूर्ति ने संवाददाताओं से कहा कि 23 से 27 जुलाई तक तीन देशों के अपने दौरे में प्रधानमंत्री सबसे पहले दो दिन की ‘ऐतिहासिक’ यात्रा पर रवांडा जाएंगे. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली रवांडा यात्रा होगी. इसके बाद वह 24 जुलाई को युगांडा जाएंगे और यहां से उनका अगला पड़ाव दक्षिण अफ्रीका होगा.
पीएम मोदी जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के 10 वें संस्करण में हिस्सा लेंगे जिसमें समूह के नेताओं के अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा , वैश्विक शासन और कारोबार समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन के इतर भी प्रधानमंत्री के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकात करने की संभावना है. यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच भी द्विपक्षीय मुलाकात होगी. तिरुमूर्ति ने कहा , ‘अभी यह तय नहीं है कि किन देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत होगी.’ तिरूमूर्ति ने कहा कि अपनी यात्रा के पहले चरण में प्रधानमंत्री जब रवांडा पहुंचेंगे तो रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे उनका स्वागत करेंगे.
इस दौरान वह प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत करेंगे, किगाली जीनोसाइड मेमोरियल में श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और व्यापार मंच को संबोधित करेंगे. इसके अलावा वह भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे. उन्होंने कहा कि इस दौरान एक रक्षा सहयोग समझौते होने की भी उम्मीद है. तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत बहुत जल्द रवांडा में एक मिशन खोल रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे की एक और महत्वपूर्ण बात रवेरू मॉडल गांव का दौरा कर रवांडा की ‘गिरिंका’ योजना के लिये 200 गायों तो तोहफे में देना है.
यह पूछे जाने पर कि क्या अफ्रीका में प्रभाव बढ़ाने के लिये भारत और चीन में कोई होड़ हो रही है क्योंकि मोदी की यात्रा से ठीक पहले चीनी राष्ट्रपति भी रवांडा का दौरा कर रहे हैं, विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा , ‘हम अफ्रीकी देशों के साथ अपने रिश्तों को दूसरे देशों के साथ रिश्ते के नजरिये से नहीं देखते.’