मुंबई
बहुचर्चित जोगेश्वरी जमीन घोटाले की रिपोर्ट बीएमसी कमिश्नर अजय मेहता को सौंप दी गई है। इसे सोमवार को सार्वजनिक किया जाएगा। रिपोर्ट को स्थायी समिति अध्यक्ष को देकर बीएमसी की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। बीएमसी इस घोटाले में कई बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई के मूड में थी, लेकिन यह मौका उसके हाथ से निकलता दिखाई दे रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लॉ और डिवेलपमेंट प्लान (डीपी) विभाग के 2-3 अफसरों का निलंबन तय माना जा रहा है। डीपी विभाग के एक इंजिनियर को निलंबित किया जाएगा, जबकि लॉ विभाग के भी एक-दो अधिकारी इसमें नपेंगे। इसी के साथ बीएमसी के सबसे गड़बड़ लॉ विभाग में बड़े पैमाने पर सुधार प्रक्रिया भी शुरू होगी। आईएएस अधिकारी निधि चौधरी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में सुधारों पर भी जोर दिया गया है। रिपोर्ट में मौजूद साक्ष्य के आधार पर इस बारे में फैसला होगा।
कमिश्नर को सौंपी गई जांच रिपोर्ट
क्या था मामला?
जोगेश्वरी में 13,674 वर्ग मीटर का करीब 500 करोड़ रुपये का प्लॉट बीएमसी के हाथ से निकल गया। बीएमसी ने पिछली डीपी में जोगेश्वरी में दो प्लॉट अस्पताल और मनोरंजन मैदान के लिए आरक्षित किए थे, लेकिन उसने इसे कब्जे में करने की कोशिश नहीं की। इस बीच, इसके कथित मालिक ज्ञानप्रकाश शुक्ला ने इसे खरीदने का नोटिस बीएमसी को भेजा। नोटिस में तकनीकी गलती होने से मामला खिंच गया।
समय बीतने के बाद बीएमसी को प्लॉट की याद आई, तो उसने इसे अधिग्रहीत करने की प्रक्रिया शुरू की। इस बीच, शुक्ला मामले को अदालत में लेकर चले गए, जहां कानूनी तौर पर उनकी जीत हुई। अदालत में बीएमसी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं हुए। इसे लेकर भी चर्चा का बाजार गर्म है।