मुंबई
स्वतंत्रता दिवस पर केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किए जाने वालों की सूची जारी की है। इसमें महाराष्ट्र के 50 से भी ज्यादा पुलिस कर्मियों के नाम हैं। जे.डे केस की जांच टीम का हिस्सा रहे इंस्पेक्टर अजय सावंत को उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रेसिडेंट मेडल के लिए चुना गया है। सावंत इन दिनों मुंबई क्राइम ब्रांच के हफ्ता निरोधक प्रकोष्ठ के प्रभारी हैं। मुंबई पुलिस में जिन अधिकारियों को अंडरवर्ल्ड नेटवर्क की गहरी समझ है, अजय सावंत उनमें से एक हैं। करीब डेढ़ दशक पहले वह उस बड़े ऑपरेशन का हिस्सा थे, जिसमें दिल्ली में फरीद तनाशा और विक्की मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया था। तब मीरा बोरवणकर मुंबई क्राइम ब्रांच चीफ हुआ करती थीं। सावंत ने इंडियन मुजाहिदीन की कमर तोड़ दी थी।
दिल्ली के चर्चित बाटला हाउस केस की अंदरूनी कहानी सावंत से बेहतर कोई नहीं जानता, क्योंकि जिस दिन बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ, उस दिन मुंबई क्राइम ब्रांच से भी तीन अधिकारी दिल्ली गए हुए थे। वे बाटला हाउस में जमा आतंकवादियों के बाहर निकलने का इंतजार कर रहे थे। इन तीनों अधिकारियों में एक अजय सावंत भी थे। चर्चित आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में सटोरियों के खिलाफ किए गए मुंबई क्राइम ब्रांच टीम की ऑपरेशन टीम का भी सावंत हिस्सा थे।
मुंबई क्राइम ब्रांच में अजय सावंत जितनी लंबी पारी सतीश मयेकर ने भी खेली। मंगलवार को पुलिस पदक की घोषित लिस्ट में मयेकर का भी नाम है। उन्होंने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालसकर के अंडर में क्राइम ब्रांच में करीब एक दशक तक काम किया। बाद में उन्होंने एटीएस में भी लंबी पारी खेली। जोन दस के डीसीपी नवीनचंद्र रेड्डी का भी नाम राष्ट्रपति मेडल वालों की सूची में है। मुंबई और आसपास काम करने वाले अधिकारियों में एसीपी शिरीष सावंत, नवी मुंबई के एसीपी रवींद्र महापदी, एल टी मार्ग के इंस्पेक्टर योगेंद्र पाचे के नाम प्रमुख हैं।