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मां को तड़पता देख रचने लगा अपने बाप को जान से मारने की साज़िश

दर्द बर्दाश्त करने की भी एक हद हुआ करती है. सब्र जवाब दे जाता है और फिर ज़ालिम पर पलटवार करने का वक्त आता है लेकिन मिलिंद के साथ ऐसा हुआ कि उसने पलटवार करना तो चाहा मगर कर नहीं पाया. वह खून करना चाहता था लेकिन कर नहीं पाया, अब यह अच्छा हुआ या मिलिंद को हमेशा इस बात का अफ़सोस रहेगा, यह तो वक्त की बात है.
मिलिंद पास की दुकान से कुछ लेने गया था और उसकी मां राधा अपने घर में अकेली थी. मिलिंद जब करीब 20 मिनट बाद घर लौटा तो उसने देखा कि उसका बाप रमेश घर में राधा को बुरी तरह पीट रहा है और उसे गालियां बकते हुए किसी कागज़ पर दस्तखत करने को कह रहा है. मिलिंद का खून खौल गया और उसने रमेश को झटककर राधा को छुड़ाया. रमेश और मिलिंद एक दूसरे को घूर रहे थे. फिर रमेश ने कहा –
करीब ढाई महीने पहले मई 2018 में रमेश और मिलिंद के बीच जो कुछ हुआ उसके पीछे एक पूरा इतिहास था. रमेश गुस्सैल मिज़ाज का आदमी था और 20 साल के हो चुके मिलिंद ने बचपन से देखा था कि उसका बाप रमेश उसकी मां राधा को बुरी तरह पीटा करता था और दूसरी शारीरिक यातनाएं देता था. कुछ साल पहले रमेश ने किसी और औरत के चक्कर में राधा को छोड़ दिया था और अपनी दूसरी बीवी के साथ रह रहा था.
महाराष्ट्र के पुणे में मिलिंद अपनी मां के साथ रहता था और उसके मन में अपने बाप के लिए बेइंतहा नफरत भर चुकी थी. इस दिन भी उसका बाप रमेश इसलिए राधा से मिलने आया था ताकि ज़मीन के कागज़ों पर उसके दस्तखत करवा सके. रमेश औंध की एक ज़मीन को बेचकर सारी रकम हथियाना चाहता था लेकिन ज़मीन बेचने के लिए राधा के साइन चाहिए थे. मिलिंद ने राधा को ज़मीन का सौदा रमेश के लिए करने से मना कर दिया था.

फिर रमेश के हाथों अपनी मां को पिटते और बिलखते देखकर मिलिंद का खून खौल चुका था और अब वह आखिरी फैसले पर पहुंच चुका था. मिलिंद एक दबंग और बदमाश किस्म के आदमी बाला को जानता था. मिलिंद ने बाला से मुलाकात की और उसे फैसला बताया कि वह अपने बाप को खत्म करना चाहता है तो बाला ने काम की कीमत मांगी. मिलिंद ने उसे 10 लाख रुपये और काम पूरा हो जाने पर एक फ्लैट तक देने की बात कही. अब सवाल यह था कि इतनी रकम मिलिंद देता कहां से?

बाला के साथ मिलकर मिलिंद ने इस रकम को हासिल करने के लिए एक वादा किया और कहा कि वह लूट, चोरी और डकैती में उसका साथ देगा जब तक इतनी रकम का इंतज़ाम न हो जाए. बात तय हो गई और दोनों ने मिलकर कई तरह की लूट और चोरी को अंजाम दिया. दोनों ने सोलापुर जाकर भी वारदात को अंजाम दिया. बाला को जहां चोरी या लूट करने की उम्मीद नज़र आती, वह मिलिंद को साथ लेकर चला जाता और दोनों मिलकर काम करते.

पिछले दो महीनों में सोलापुर में दोनों ने एक आदमी के कत्ल की साज़िश भी रची और दोनों ने यवत में एक बड़े ज्वैलर के यहां डाका डालने का प्लैन बनाया. इस सब के बीच मिलिंद बार-बार बाला को अपने काम की याद दिलाता रहा. एक बार बाला ने कहा कि उसके बाप यानी रमेश के कत्ल के लिए एक मोटरसाइकिल का इंतज़ाम करना पड़ेगा. लेकिन मोटरसाइकिल अपनी नहीं होना चाहिए इसलिए दोनों ने मिलकर एक बाइक चुराई.
फिर एक बार रमेश के कत्ल के लिए बाला के कहने पर दोनों पिस्तौल का इंतज़ाम करने में लग गए. इस बीच स्मार्टफोन और लैपटॉप का इंतज़ाम भी दोनों ने किया. रमेश के कत्ल के साथ ही कुछ और जुर्मों को अंजाम देने की फिराक में दोनों थे लेकिन इसी बीच पिछले 7 अगस्त को पुणे के एक स्कूल के सामने से दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों इतनी वारदात को अंजाम दे चुके थे कि पुलिस की नज़र में थे. पुलिस को अपने खबरी से दोनों के बारे में टिप मिली और दोनों पकड़ में आ गए.

पुलिस को चोरी और लूट के मामलों में दोनों की तलाश थी लेकिन जब इनसे पूछताछ हुई तब पता चला कि मिलिंद अपने बाप रमेश के कत्ल की स्क्रिप्ट लिख रहा था इसलिए बाला के साथ मिलकर यह सब कर रहा था. फिलहाल कई मामलों में संदिग्ध दोनों से पूछताछ और इनकी कहानियों की जांच चल रही है और दोनों पुलिस हिरासत में हैं.

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