Tuesday, September 24metrodinanktvnews@gmail.com, metrodinank@gmail.com

हाई कोर्ट में बकरों के कत्ल को मंजूरी देने पर कोर्ट हुआ खिन्न

मुंबई
यह तो आपको मालूम है कि नील आर्मस्ट्रांग दुनिया का पहला ऐसा व्यक्ति था जो चांद पर गया था लेकिन आपको क्या यह भी मालूम है कि बीएमसी ने इसी नाम के एक शख्स को बकरीद पर बॉम्बे हाई कोर्ट में पांच बकरों के कत्ल की मंजूरी दी है। मामला यह है कि यह मंजूरी हाई कोर्ट के कोर्ट नंबर 13 में 14 अगस्त को दी गई और इस कोर्ट के जज अभय ओक हैं। यह मामला उनके पास तब आया, जब एक याचिका में इस तरह के कत्ल के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया पर मंजूरी देने पर रोक लगाने की मांग की गई है। न्यायाधीश ओक ने वकील सुजय कनातवाला द्वारा पेश मंजूरी को पढ़ने के बाद कहा कि ‘हमने कई आरोप झेले हैं लेकिन यह आरोप बिल्कुल नया और अनोखा है।’
जब कोर्ट में जीव मैत्री ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई हो रही थी तभी कोर्ट को वकील कनातवाला ने करीब शाम 5.15 बजे बताया कि कोर्ट नंबर 52 के अंदर ही एक अन्य आवेदक को पांच बकरों का कत्ल करने की मंजूरी दी गई है। इस कोर्ट के जज इस हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश हैं।

इस पर न्यायाधीश ओक की बेंच ने कहा, ‘यह अचंभित करने वाला है। यदि इसी तरह ऑनलाइन मंजूरी दी जाती रही तो इन पर कौन निगरानी रखेगा। क्या यह हास्यास्पद नहीं है कि इस तरह कोर्ट संख्या 13 ने ऐसी मंजूरी दी है।’ तभी कोर्ट ने बीएमसी के वकील से कहा कि वह बीएमसी आयुक्त अजय मेहता से संपर्क करें और पूछा कि क्या ऑनलाइन सिस्टम बंद किया जाएगा। तभी बीएमसी के वकील ने फोन पर ही बात की और उन्होंने कोर्ट को बताया कि तुरंत प्रभाव से ई-मंजूरी ब्लॉक कर दी गई है। इस तरह, कोर्ट ने बीएमसी से कहा कि वह इस याचिका पर सोमवार तक अपना उत्तर दे।

ट्रस्ट ने अपनी याचिका में कहा कि ऑनलाइन लाइसेंस गैर लाइसेंसशुदा जगह पर बकरी या भेड़ के कत्ल के लिए 22 से 24 अगस्त के बीच लिया जा सकता है। याचिका में यह भी कहा गया कि जो व्यक्ति इस तरह कत्ल करना चाहता है, उसे लाइसेंस बिना किसी छानबीन के दिया जा सकता है। देवनार कत्लखाना इस तरह की सुविधा के लिए सभी चीजों से सुसज्जित है। फुटपाथ और सड़कों पर जानवरों के कत्ल से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और इससे पर्यावरण पर भी असर पड़ेगा।

Spread the love