मुंबई
इस मॉनसून सीजन के ढाई महीने में मुंबई के अंदर हैजा के 9 मामले सामने आए हैं। हैजा के इन मामलों की पुष्टि चिकित्सकों ने भी कर दी है। बीएमसी की मानें तो इनमें से पांच मामले मुंबई के मजगांव, नागपाड़ा, और बाइकुला से हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि, ‘अगस्त में डायरिया के तीन मामले सामने आए जिनमें से दो केस बाइकुला से थे। हमने यह पाया कि बाइकुला के आस-पास के इलाकों में दस्त कोई मामले सामने नहीं आए। अमूमन जब किसी जगह संक्रमण फैलता है तो अगल-बगल के इलाकों को अपनी चपेट में ले लेता है।’ उन्होंने बताया कि हैजा के जिन मरीजों को भर्ती किया गया था उनकी स्थिति में अब सुधार हो रहा है।
ई वॉर्ड में दूषित जल बड़ी समस्या
एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई का ई वॉर्ड हमेशा से पेट संबंधी रोगों के चपेट में रहता है। इसमें हैजा मुख्य है। यहां का दूषित जल हैजा और अन्य रोगों के लिए जिम्मेदार है। बता दें कि दक्षिण मुंबई के वॉर्डों में हैजा की समस्या सबसे अधिक है। इन इलाकों में पानी की पाइप लाइन टूटने के कारण अक्सर पानी के दूषित होने की समस्या बनी रहती है। इससे पेट के रोग पनपते हैं। यहां गैस्ट्रो और दस्त के मामले सामने आते हैं मगर कॉलरा के मामलों की पुष्टि नहीं हुई।
मुंबई में कम हुए हैजा के मामले
कस्तूरबा हॉस्पिटल में संक्रामक रोग विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि मुंबई में लंबे समय से हैजा के केस नहीं दिखे। मगर हम इसे लेकर कोई लापरवाही नहीं बरत सकते। डायरिया के मरीजों को अगर एक घंटे में इलाज नहीं मिला तो रोगी की जान तक जा सकती है।
पांच साल पहले हैजा के आए थे 35 मामले
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ संजीव कांबले ने कहा कि, ‘पूरे राज्य में इस साल हैजा के 15 मामले सामने आए हैं । हैजा के मामलों में साल दर साल कमी देखी जा रही है। पांच साल पहले हैजा के सबसे अधिक 35 मामले सामने आए थे। हैजा फैलने का कोई समय नहीं होता इसलिए आप इससे बचने के उपायों में लापरवाही नहीं बरत सकते।’
हैजासे ज्यादा गैस्ट्रो की समस्या
चिकित्सक डॉ हेमंत ठाकर की मानें तो मुंबई के लोगों को हैजा से ज्यादा खतरा गैस्ट्रो की समस्या है। पिछले हफ्ते शहर के विभिन्न हॉस्पिटल में गैस्ट्रो के 400 मरीज भर्ती हुए। इनमें से दो मरीजों को आईसीयू में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी। इन दोनों मामलों में समस्या दस्त से शुरू हुई थी जो कि बाद में डिहाईड्रेशन पर पहुंच गई। डिहाईड्रेशन की समस्या से किडनी काम करना बंद कर देती है।