Saturday, October 19metrodinanktvnews@gmail.com, metrodinank@gmail.com

उद्धव से मिले मुरली मनोहर जोशी

मुंबई
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी बुधवार को अचानक शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने मातोश्री पहुंचे। मुरली मनोहर जोशी इन दिनों बीजेपी में हाशिए पर हैं, इसलिए उनकी उद्धव से मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है। हालांकि शिवसेना नेता संजय राऊत ने इसे ‘शिष्टाचार’ मुलाकात बताया है।
बीजेपी संगठन में उच्च पदों पर आसीन रहे जोशी कभी पार्टी में अटल-अडवाणी के बाद सबसे प्रभावशाली नेता रहे हैं। लेकिन नरेंद्र मोदी का सितारा चमकने के बाद उन्हें न तो सरकार में और न ही संगठन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। कहा जाता है कि इसलिए वह मोदी-शाह की जोड़ी से नाराज हैं, तो उद्धव भी मोदी-शाह से नाराज हैं, ऐसे में पार्टी में कट्टर हिंदू नेता की छवि रखने वाले जोशी का मातोश्री पहुंचकर उद्धव से मिलना नई अटकलों को जन्म दे रहा है।

शिवसेना और बीजेपी में हैं दूरियां
बता दें कि शिवसेना पिछले कुछ समय से राम मंदिर और हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी की भूमिका की खुले आम आलोचना कर रही है और मुरली मनोहर जोशी राममंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। इसलिए राजनीतिक जानकारों का एक वर्ग यह मान रहा है कि 2019 में बीजेपी को उम्मीद से कम सीटें मिलने के आकलन के बीच उद्धव और जोशी की मुलाकात सिर्फ ‘शिष्टाचार’ भेंट नहीं हो सकती। इन जानकारों का तर्क है कि कहीं न कहीं बीजेपी के भीतर मोदी विरोधी मोर्चेबंदी शुरू हो गई है।

वहीं एक वर्ग यह भी मान रहा है कि आगामी चुनावों से पहले बिखरते एनडीए और 2014 में मोदी को जीत दिलाने वाले हिंदू वोटों के बिखरते ध्रुवीकरण को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सक्रिय हो गया है। संघ महाराष्ट्र में मराठा, गुजरात में पटेल, राजस्थान में गुर्जर, हरियाणा में जाट और बिहार-झारखंड में पनपते कुर्मी आरक्षण आंदोलन को हिंदू वोटों का विघटन मान रहा है। इसलिए वह नहीं चाहता कि इस विपरीत परिस्थिति में शिवसेना-बीजेपी अलग-अलग चुनाव लड़ें।

चूंकि जोशी लंबे समय से संघ से जुड़े हैं, इसलिए मोदी-शाह से नाराज उद्धव को मनाने के लिए संघ ने ही उन्हें मातोश्री भेजा है। ये दोनों तर्क अपनी-अपनी जगह सही हैं। बहरहाल इस मुलाकात के फलित आने वाले दिनों में सामने जरूर आएंगे।

Spread the love