मुंबई
आरक्षण आंदोलन को धार देने के लिए मराठा समाज के नेता अपनी अलग राजनीतिक पार्टी बनाने पर काम कर रहे हैं। इन नेताओं कहना है कि मराठा समाज ने अब तक कई बड़े आंदोलन किए लेकिन उन्हें आरक्षण देने के मामले में सरकारें उदासीन रवैया अपना रही हैं। इसीलिए अब मराठा समाज की सभी संस्थाओं को साथ लेकर एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया जाना जरूरी हो गया है।
मराठा क्रांति संगठन के संस्थापक अध्यक्ष सुरेश पाटील राजनीतिक पार्टी के गठन के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया, ‘अगले महीने से हम राज्य का दौरा करके तमाम मराठा संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलकर इस मामले में आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। इसके बाद पार्टी की भूमिका, उद्देश्य और नाम की घोषणा प्रतापगढ़ के किले से की जाएगी।’
इसके साथ ही नई पार्टी बनाने में किसी राजनीतिक दल के दखल की संभावनाओं को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक पार्टी के गठन में किसी भी राजनीतिक दल के नेता की मदद नहीं ली जाएगी।’
बता दें कि आजाद मैदान मराठा क्रांति मोर्चा ने 25 जुलाई को मुंबई बंद का आह्वान किया था और इसके बाद नवी मुंबई में जमकर हिंसा हुई थी। वहीं, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इसी महीने की शुरुआत में ऐलान किया था कि उनकी सरकार मराठा आरक्षण के समर्थन में है।
फडणवीस ने कहा था, ‘राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं के साथ मीटिंग में मराठा समाज को कानूनी तरीके से आरक्षण देने के लिए एक संयुक्त बयान पर दस्तखत किए गए। राज्य सरकार मराठा आरक्षण के समर्थन में पूरी तरह से खड़ी है। हम इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए जरूरी प्रक्रिया के हिसाब से चल रहे हैं।’
माना जा रहा है कि नवंबर के शुरुआती दिनों में मराठा आरक्षण बिल लाया जा सकता है। इससे पहले सीएम फडणवीस ने कहा था कि उनकी सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने इस बात की पुष्टि की थी कि नवंबर के पहले सप्ताह के विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण विधेयक लाया जाएगा।