मुंबई। गंगा पुनर्जीवन की जिम्मेदारी संभाल रहे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी चाहते हैं कि गंगा स्वच्छता अभियान में देश के कम से कम एक करोड़ लोगों को आर्थिक सहयोग देना चाहिए।
गडकरी गुरुवार को मुंबई में इंडियन मर्चेंट् चैंबर (आईएमसी) द्वारा गंगा स्वच्छता अभियान के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की आबादी सवा सौ करोड़ है। इतने बड़े देश में जीवनदायिनी गंगा के पुनर्जीवन अभियान में कम से कम एक करोड़ लोगों को तो आगे आना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में वैसे तो धन की कोई कमी नहीं आने वाली। लेकिन हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग इसमें सहभागी बनें। चाहे 51 और 101 रुपये देकर ही क्यों न सहयोग करें।
इस समारोह का आयोजन आईएमसी की ओर से नमामि गंगे परियोजना में सहयोग देने के लिए किया गया था। जिसके तहत चैंबर के अध्यक्ष राज नायर एवं पूर्व अध्यक्ष नानिक रूपानी ने संगठन की ओर से 25 लाख रुपये का चेक नितिन गडकरी को सौंपा गया। राज नायर के अनुसार यह सिर्फ शुरुआत है। चैंबर के सदस्य अब अपनी ओर से यथासंभव मदद इस अभियान में करते रहेंगे। इस कड़ी की शुरुआत चैंबर की सदस्य कंपनी फिनोलेक्स द्वारा एक करोड़ रुपये देकर की जा चुकी है। इस अवसर पर गडकरी ने कहा कि गंगा की गंदगी का 70 फीसद उत्तरी भारत के 10 बड़े शहरों से आता है। इसे रोकने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। जगह-जगह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम चल रहा है। ये काम सिर्फ गंगा में नहीं, बल्कि यमुना जैसी उसकी 40 उपनदियों एवं नालों में भी चल रहा है। ताकि उनसे गंगा में जानेवाली गंदगी भी रोकी जा सके। अकेले दिल्ली में 4500 करोड़ रुपये खर्च करके 12 परियोजनाएं जारी हैं। गडकरी ने उम्मीद जताई कि अगले वर्ष मार्च तक गंगा 80 फीसद एवं मार्च 2020 तक पूरी तरह साफ हो जाएंगी।