मुंबई
महाराष्ट्र में सरकारी निगमों और एजेंसियों में कई ‘महत्वपूर्ण पद’ पाने के बाद शिवसेना ने संकेत दिया है कि अगर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उसके साथ उचित व्यवहार किया गया तो वह बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। शिवसेना और बीजेपी के संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में अब तक की सबसे ज्यादा तल्खी आने के बाद अब दोनों पार्टियों के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने लगी है।
दरअसल, गत जून महीने में मातोश्री में अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच मुलाकात के बाद कई घटनाक्रम हुए हैं। इसी वजह से दोनों के बीच रिश्तों में तल्खी कम हुई हैं। इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकारी निगमों में कई महत्वपूर्ण पदों पर शिवसेना नेताओं को नियुक्त करने का ऐलान किया था। फडणवीस ने 21 पदों पर नियुक्ति की जिसमें से 11 शिवसेना और एक पद आरपीआई को मिला था।
बीजेपी के इस कदम से शिवसेना भी हैरान
यही नहीं सीएम ने बीजेपी के भी उन नौ लोगों को समाहित कर दिया है जो इन पदों के लिए लंबे समय से प्रयासरत थे। शिवसेना के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि हालांकि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और सीएम फडणवीस ने इन पदों पर नियुक्ति को अंतिम रूप दिया है। हालांकि, इस डील की शर्तों पर इंडस्ट्री मिनिस्टर सुभाष देसाई और राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल के बीच पहले बातचीत हो गई थी।