अहमदनगर: वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे लोकपाल की नियुक्ति और किसानों की स्थिति में सुधार समेत कई मांगों को लेकर 2 अक्टूबर से फिर से अनशन करने वाले हैं। अन्ना हजारे ने देशभर में फैले अपने कार्यकर्ताओं को भी अपने-अपने गांव एवं जिलों में ही आंदोलन शुरू करने का अनुरोध किया है। अन्ना हजारे ने किसानों को दुर्दशा से उबारने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफरिशों को लागू करने की मांग की है। इनमें किसानों के लिए प्रतिमाह 5,000 रुपए पेंशन भी एक मुख्य मांग है।
पत्र जारी कर अन्ना ने दी जानकारी:
सोमवार कोअन्ना हजारे ने अपने कार्यकर्ताओं के नाम एक पत्र जारी करते हुए लिखा है कि उन्होंने 23 मार्च 2018 को किसानों को खर्च पर आधारित कृषि पैदावारी के दाम के लिए एवं लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन किया था। तब नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें अनशन खत्म करने के लिए लिखित आश्वासन देते हुए कहा था कि उनकी मांगों पर जरूर अमल होगा। 5 महीने बीत गए पर अब तक केंद्र सरकार ने इस दिशा में कुछ भी नहीं किया। इसलिए अनशन का निर्णय लिया गया है। पत्र में अन्ना ने कहा है कि पिछले कुछ सालों से किसान जबरदस्त आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। बयान में आगे कहा गया है कि बार बार आग्रह के बावजूद सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है।
आंदोलन से दूर रहेंगे राजनीतिक दल: पिछली बार के आंदोलन से सबक लेते हुए इस बार अन्ना हजारे ने साफ कह दिया है कि इस बार राजनीतिक दल उनके इस आंदोलन में शामिल नहीं होंगे, लेकिन माना जा रहा है कि योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, शांति भूषण और कुमार विश्वास जैसे कुछ पुराने सहयोगी आंदोलन को समर्थन देने पहुंच सकते हैं।