सिविल सर्विस परीक्षा में असफल स्टूडेंट्स के मार्क्स पब्लिक डोमेन में डालने के प्रयोग को मिली सफलता के बाद अब इसे बाकी परीक्षाओं में अपनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यूपीएससी ने मेडिकल और इंजिनियरिंग सर्विस में भी इस सिस्टम को लागू करने का फैसला किया है।
इसके मुताबिक, सभी परीक्षाओं में अब उन स्टूडेंट्स के भी नंबर भी सार्वजनिक किए जाएंगे, जो सफल नहीं हो सके। नंबर या डिग्री सार्वजनिक करने से पहले उनकी सहमति ली जाएगी। इसके पीछे तर्क यह है कि परीक्षा में कम नंबर से असफल रहने वालों को प्राइवेट कंपनियां मौका दे सकेंगी।
यूपीएससी के अनुसार, स्नातक स्तर की सभी परीक्षा में इस सिस्टम को लागू किया जा रहा है। जो स्टूडेंट इस सिस्टम के तहत अपना नंबर सार्वजनिक करेंगे, उनके मार्क्स वेबसाइट पर एक साल तक दिखेंगे। अगले सेशन का अंतिम परिणाम आने के बाद इन्हें हटा दिया जाएगा।
कार्मिक विभाग (डीओपीटी) सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में यूपीएससी की ओर से आयोजित सभी परीक्षाओं में यह सिस्टम लागू होगा। बाद में इसे एसएससी की परीक्षाओं में भी लागू किया जाएगा। करियर सेंटर पर इसका डेटाबेस रहे। इससे प्राइवेट कंपनियां अपने लिए योग्य उम्मीदवार चुन सकेंगी। सारी सूचनाएं एक जगह होने से कंपनियां स्टूडेंट्स को सीधे इंटरव्यू के लिए बुला सकती हैं। इसके लिए एनआईसी ने खासकर तौर पर वेबसाइट विकसित की है।
UPSC असफल स्टूडेंट्स के मार्क्स भी दिखाएगा
