Thursday, October 24metrodinanktvnews@gmail.com, metrodinank@gmail.com

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर : कोर्ट ने डीजी वंजारा सहित अन्य पुलिस अधिकारियों की रिहाई पर लगाई मुहर

मुंबई, सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने डीजी वंजारा सहित गुजरात एवं राजस्थान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की रिहाई को चुनौती देने वाली अपील को खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के साथ सभी अधिकारियों की रिहाई पर मुहर लग गई है। दरअसल 2005-06 में संदिग्ध गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी और सहायक के मुठभेड़ मामले में गुजरात और राजस्थान के कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर कथित रूप से शामिल होने का आरोप लगे थे।

सीबीआइ ने बताई फर्जी मुठभेड़

सीबीआइ के मुताबिक, 2005-2006 में दोनों राज्यों की पुलिस की फर्जी मुठभेड़ में शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उसका सहायक तुलसीराम प्रजापति मारे गए थे। गुजरात पुलिस ने तब दावा किया था कि सोहराबुद्दीन शेख के आतंकवादियों से संबंध थे।

निचली अदालत ने अधिकारियों को किया था आरोपमुक्त

न्यायमूर्ति ए एम बदर की अगुवाई में 16 जुलाई को हाई कोर्ट ने गुजरात की एक निचली अदालत के इस मामले में आरोपियों को आरोपमुक्त करने को चुनौती देने वाली पांच याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। निचली अदालत ने गुजरात के आइपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियन, गुजरात एटीएस के पूर्व प्रमुख डीजी वंजारा, गुजरात पुलिस के अधिकारी एनके अमीन, राजस्थान कैडर के आइपीएस अधिकारी दिनेश एमएन और राजस्थान पुलिस के कान्स्टेबल दलपत सिंह राठौड़ को आरोपमुक्त कर दिया था। न्यायमूर्ति बदर ने सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन और सीबीआइ द्वारा दायर पांच पुनरीक्षण याचिकाओं पर चार जुलाई के बाद से नियमित आधार पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, यह मामला गुजरात से मुंबई की विशेष अदालत में स्थानांतरित किया गया था, जहां 2014 से 2017 के बीच 38 लोगों में से 15 को आरोप मुक्त कर दिया गया था।
सीबीआइ ने आरोप पत्र में कहा

सीबीआई के आरोप पत्र के अनुसार, गुजरात के एक संदिग्ध गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात एटीएस और राजस्थान पुलिस के अधिकारियों ने हैदराबाद के पास से अगवा कर लिया था और उन्हें नवंबर 2005 में एक फर्जी मुठभेड़ में मार दिया था। सीबीआइ ने दावा किया था राजस्थान पुलिस के कुछ अधिकारियों ने गुजरात और राजस्थान के अधिकारियों के इशारे पर प्रजापति को भी दिसंबर 2006 में अन्य फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। जिन अधिकारियों ने प्रजापति को मारने के निर्देश दिए थे वे पति-पत्नी की हत्या में शामिल थे।

Spread the love