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म्हाडा के घर होंगे कम बिल्डरों का बढ़ेगा दम

मुंबई: आने वाले दिनों में मुंबई में बिल्डरों की चांदी होनी तय है। डिवेलपमेंट प्लान के बचे हिस्से को मंजूरी देते हुए म्हाडा रीडिवेलपमेंट को आकर्षक बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इनमें खुली जगह की जरूरत को कम करने के साथ ही हाउसिंग स्टॉक में म्हाडा का हिस्सा भी घटा दिया गया है। खुली जगह की जरूरत को भी म्हाडा रीडिवेलपमेंट में घटा दिया गया है। इसके अलावा, एसआरए और सेस की बिल्डिंगों में रीडिवेलपमेंट के लिए आवश्यक सहमति को भी 70 प्रतिशत से घटाकर 51 प्रतिशत कर दिया गया है। इन बदलावों से बिल्डरों का दम बढ़ेगा।
पहले से हाउसिंग स्टॉक की कमी झेल रही म्हाडा का संकट बरकरार रहेगा। पुरानी कॉलोनियों के रीडिवेलपमेंट से मिलने वाले हाउसिंग स्टॉक में सरकार ने हाउसिंग सोसायटी का भी हिस्सा तय कर दिया है। इससे म्हाडा के कोटे में आने वाले घरों की संख्या कम हो जाएगी। आश्चर्यजनक तौर पर पैसे न चुकाने के एवज में म्हाडा के हाथ से आम आदमी के घर निकल जाएंगे। डिवेलपमेंट प्लान (डीपी) की मंजूरी में यह बदलाव शामिल हैं।
डिवेलपमेंट प्लान (डीपी) के एक्सक्लूडेड पार्ट (ईपी) को मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद अब 24 अक्टूबर से लागू कर दिया जाएगा। लेकिन मंजूर डिवेलपमेंट कंट्रोल रेग्युलेशन (डीसीआर) के कुछ हिस्सों पर बिंदुओं पर सुझाव मंगाए जाएंगे। रीडिवेलपमेंट को निश्चित तौर पर गति मिलनी चाहिए, लेकिन इस पर विचार करना बहुत जरूरी है कि यह किन शर्तों पर हो। बिल्डरों को प्रोत्साहन देने के बदले टेंडरिंग के माध्यम से काम कराने पर अमल करने का अब सही समय आ गया है।
एसआरए में भी बल्ले-बल्ले: नए नियमों के लागू होने के बाद एसआरए रीडिवेलपमेंट को भी पंख लगेंगे। सोसायटी के आपसी मतभेद के चलते रीडिवेलपमेंट में अक्सर देरी होने की खबर आती थी। नई व्यवस्था में अब 70 प्रतिशत की बजाय 51 प्रतिशत सदस्यों की ही सहमति आवश्यक होगी।
नियमों में बदलाव को लेकर पूरा अध्ययन करने के बाद मैं ही कुछ कह पाऊंगा।
– दीपेंद्र सिंह कुशवाहा, चीफ ऑफिसर, मुंबई म्हाडा
रीडिवेलपमेंट की बढ़ेगी गति
नए नियमों से म्हाडा के सालों से लटके रीडिवेलपमेंट को गति मिलेगी। इसके तहत, म्हाडा की बिल्डिंगों के पुनर्विकास के लिए अब 70 प्रतिशत की बजाय 51 प्रतिशत सदस्यों की सहमति ही आवश्यक होगी। इसके अलावा, बिल्डिंग रीडिवेलमपमेंट में बिल्डिंग के सामने वाले हिस्से में 3.6 मीटर खुली जगह की बजाय केवल 3 मीटर ही खुली जगह जरूरी होगी। एक अधिकारी ने बताया कि खुली जगह में राहत देने से बिल्डरों को कम प्रीमियम देना होगा, जिससे छोटे प्लॉट के भी रीडिवेलपमेंट को गति मिलेगी।
हाउसिंग स्टॉक का होगा संकट
जानकारों का कहना है कि म्हाडा खुद विकास करने की बजाय बिल्डरों के माध्यम से रीडिवेलपमेंट को प्रोत्साहन दे रही है। इससे आने वाले दिनों में हाउसिंग स्टॉक का काफी संकट होगा। 4,000 वर्ग मीटर से कम की जगह पर पहले की तरह ही प्रीमियम चुकाकर 3 एफएसआई के तहत रीडिवेलपमेंट हो सकेगा। गौरतलब है कि म्हाडा को हाउसिंग स्टॉक दिलाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने सभी परियोजनाओं में हाउसिंग स्टॉक देना अनिवार्य किया था।
अभी क्या प्रावधान था
लेआउट हैं मुंबई में म्हाडा के हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भूखंड पर रीडिवेलपमेंट करने में बिल्डर को 3 एफएसआई मिलती है एफएसआई पर हाउसिंग स्टॉक बनाकर उसे म्हाडा को देना होता है इसके बदले म्हाडा उसे निर्माण लागत देने वाली थी अब क्या होगा प्रावधान एफएसआई से मिलने वाले हाउसिंग स्टॉक के 2:1 के अनुपात में हिस्सा किया जाएगा दो-तिहाई हिस्सा म्हाडा को हाउसिंग स्टॉक के तौर पर मिलेगा और एक-तिहाई हिस्सा संबंधित सोसायटी को मिलेगा म्हाडा को हाउसिंग स्टॉक के बदले पैसे नहीं देने होंगे इससे मुंबई में लॉटरी के माध्यम से मिलने वाले घरों की संख्या कम हो जाएगी.

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