नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे भीड़ और गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए जारी सुप्रीम निर्देशों का पालन करें। कोर्ट ने कहा कि लोगों को इस बात का अहसास होना चाहिए कि ऐसी हिंसा पर कानून के कोप का सामना करना पड़ेगा। कोर्ट ने भीड़ की हिंसा रोकने के लिए 17 जुलाई को निर्देश जारी किए थे। सभी प्रदेशों से इन पर अमल की रिपोर्ट तलब की थी। लेकिन राजधानी दिल्ली समेत 8 राज्यों ने अब तक कोर्ट को रिपोर्ट पेश नहीं की। कोर्ट ने इन राज्यों से तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से भी पूछा है कि भीड़ की हिंसा के खिलाफ प्रिंट और रेडियो-टीवी मीडिया में जागरूकता अभियान चलाने पर उसने क्या किया।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, तेलंगाना समेत 8 राज्यों ने अभी तक 17 जुलाई के आदेश के अमल के बारे में रिपोर्ट पेश नहीं की है। उन्होंने इन राज्यों को आखिरी मौका देते हुए कहा है कि वे तीन दिनों के भीतर अमल संबंधित हलफनामा पेश करें।
नई दिल्ली : अयोध्या मामले से संबंधित एक पहलू को संवैधानिक बेंच के पास भेजा जाए या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट 28 सितंबर को फैसला सुना सकता है। अभी इस पर सुनवाई की जानी है कि अयोध्या की जमीन किसकी है। दरअसल, मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दलील दी गई है कि 1994 में इस्माइल फारुकी केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है।•
नई दिल्ली : महिलाओं के खतने (खफ्ज) के विरोध में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे 5 जजों की संवैधानिक पीठ को भेज दिया है। यह प्रथा दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में पाई जाती है। केंद्र सरकार भी इस प्रथा के विरोध में है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से महिलाओं का खतना किए जाने की प्रथा पर भारत में पूरी तरह बैन लगाने की मांग की गई है।
भारत ने ही पहली बार दुनिया को ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का संदेश दिया। इसी संदेश को हमने संसद के प्रवेश कक्ष में भी अंकित दिया, ताकि कानून बनाने वाले इसे भूलें नहीं। ऐसी महान सोच वाले हमारे देश में भीड़-हिंसा को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सर्वोच्च अदालत ने भीड़ की हिंसा और गोरक्षा के नाम पर हिंसा के खिलाफ जो सख्त रूख अख्तियार किया है, वह हमारे गौरवशाली अतीत और बेहतर भविष्य की सुरक्षा का भरोसा दिलाता है।