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सावधान! सड़क किनारे भड़कीली ड्रेस में खड़ी सुंदरियों के झांसे में न फंसें वरना इनके ‘हुस्न’ पर लुट जाएंगे

मुंबई: मुंबई रात का शहर है। यहां रात में अच्छे-बुरे हर तरह के काम होते हैं। उन्हीं में से एक है हसीनाओं की लूट। जी हां, अगर आधी रात को भड़कीले कपड़ों में कोई ‘सुंदरी’ सड़क किनारे खड़ी होकर रोकती है, तो उससे दूरी बनाए रखें। ये ‘सुंदरियां’ लुटेरी हो सकती हैं। मौका मिलते ही आपको फंसाकर लूट लेंगी और आप शायद इनका कुछ कर भी न पाएं।
बार असोसिएशन से जुड़े केदार शेट्टी बताते हैं, ‘मुंबई में डांस बारों पर कड़े कानून लागू होने के बाद कई बार बालाएं, ट्रांसजेंडर और गे बेरोजगार हो गए। उनके पास जीवन-यापन का कोई साधन नहीं रहा। ऐसे में, इस प्रकार के लोगों ने कमाई के और भी रास्ते अपना लिए, जिनमें से एक रास्ता लूट भी है। इस गिरोह में शामिल महिलाएं, ट्रांसजेंडर, किन्नर, गे और कॉल गर्ल्स अपने जिस्म से मुंबई और आस-पास की सड़कों पर खड़े होकर कमाई का जरिया खोजती हैं।’ बीकेसी, कलानगर, शास्त्री नगर, लोखंडवाला, घोडबंदर रोड, पवई का हीरानंदानी इलाका और हाइवे।
पॉश इलाके में हैं सुरक्षित ठिकाने
लुटेरी ‘हसीनाओं’ के खिलाफ मुंबई पुलिस और बीएमसी में शिकायत दर्ज कर इनके खिलाफ मुहिम छेड़कर सख्त कार्रवाई करने की मांग करने वाले समाजिक कार्यकर्ता मुश्ताक अंसारी ने बताया कि इस गिरोह के बदमाश अक्सर पॉश इलाके को अपराध का ठिकाना बनाते हैं। ये ‘सुंदरियां’ बांद्रा का कला नगर, बीकेसी का इलाका, अंधेरी का लोखंडवाला, शास्त्री नगर, पवई का हीरानंदानी इलाका, ठाणे का घोडबंदर रोड और ईस्टर्न एवं वेस्टर्न हाइवे किनारे सुनसान स्थानों पर खड़ी रहती हैं। जहां पुलिस या लोगों का आना-जाना कम होता है।
अपराधों को देते हैं अंजाम
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिस्मफरोशी से जुड़े ये लोग गिरोह में होते हैं। आधी रात के बाद सुनसान सड़कों या कम उजाले वाले रास्तों, फुटपाथों, झाड़ियों या गार्डन्स के आस-पास खड़ी होकर ये ग्राहकों का इंतजार करती हैं। उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती हैं और जैसे ही कोई ग्राहक इनके हुस्न के जाल में फंसकर नजदीक पहुंचता है, उसे ये लोग झाड़ियों या मैंग्रोव्स के बीच ले जाते हैं। वहां ये अप्राकृतिक यौन संबंध बनाते हैं। इसके बाद, अक्सर ये ‘सुंदरियां’ ग्राहकों से तय रकम से ज्यादा की मांग करती हैं। पैसा नहीं देने पर उनके पास मौजूद रुपये-पैसे, महंगी घड़ियां और मोबाइल छीनकर भगा जाती हैं। बदनामी के डर से इनके खिलाफ कोई किसी थाने में शिकायत भी दर्ज नहीं कराता। लुटने वालों में ज्यादातर युवा होते हैं। लोगों को ऐसे गिरोहों से दूर रहना चाहिए। ऐसे गिरोह का शिकार अगर कोई पुलिस स्टेशनों में शिकायत दर्ज करवाता है, तो पुलिस उस पर अवश्य कार्रवाई करती है।
प्रशासन को चाहिए कि संबंधित जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करे, ताकि भविष्य में कोई आपराधिक घटनाएं न घट सकें।
सामाजिक कार्यकर्ता
जोन-8, जोन-9 और जोन-10 से मिली जानकारी के अनुसार, गिरोह में शामिल महिलाओं के पास जाने वाले लोग अक्सर मारपीट और लूट के शिकार होते हैं। बीकेसी, बांद्रा, वनराई, अंबोली, वर्सोवा और काशिमीरा पुलिस स्टेशनों में ऐसी ‘सुंदरियों’ के खिलाफ मारपीट, लूटपाट और बदसलूकी के दर्जनों मामले दर्ज हैं।

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