मध्य रेलवे की तरह पश्चिम रेलवे ने पखवाड़ा को प्रत्येक दिन में बांटकर काम किया। स्वच्छ आहार, स्वच्छता प्रसाधन, स्वच्छ जल और स्वच्छ परिसर जैसी थीम बनाकर लोगों को जागरूक किया गया। मध्य रेलवे की तरह यहां भी विभिन्न सामाजिक संगठनों और स्कूल-कॉलेज के बच्चों ने सफाई अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान मध्य रेलवे की ही तरह पश्चिम रेलवे ने भी कुछ ट्रेनों के महिला डिब्बों में रंग भरकर सफर को सुहाना बनाने की कोशिश की।
स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए प्रशासन कई प्रयास करता है। हमारा कर्तव्य है सफाई को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना। स्वच्छता किसी अभियान की नहीं, हमारे चरित्र का हिस्सा होनी चाहिए। जिस प्रकार नित्य कर्म और स्नान इत्यादि से हम स्वयं को स्वच्छ रखते हैं, वैसे ही हमें आस-पास की जगहों को भी स्वच्छ रखना चाहिए। जब वातावरण स्वच्छ होगा, तो मन भी प्रसन्न होगा। स्वच्छ वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा रहती है, जो हमें भी सकारात्मक बनाती है।