भिवंडी: भिवंडी मनपा पिछड़ा वर्ग सरल सेवा भर्ती मामले में गड़बड़ी करने वाले 3 कर्मचारियों को मनपा आयुक्त मनोहर हिरे ने निलंबित कर सेवा समाप्त करने का नोटिस दिया है। वहीं, इस मामले में शामिल 71 अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है।
बता दें कि भिवंडी मनपा ने 2012 में पिछड़ा वर्ग अनुशेष भर्ती के तहत 74 कर्मचारियों की सरल सेवा भर्ती की थी। भर्ती में संगीता नरोटे ने आंगनवाड़ी सहायिका के लिए आवेदन किया था। पात्र होने के बावजूद संगीता की भर्ती नहीं हो पाई थी। इसे लेकर उन्होंने राज्य लोकायुक्त से शिकायत कर दी थी। जांच के लिए उपलोकायुक्त ने केडीएमसी के तत्कालीन मनपा आयुक्त ई. रवींद्रन को नियुक्त किया था। लगभग 3 महीने की जांच के बाद भर्ती मामले में भ्रष्टाचार पाया गया। इसके बाद उपलोकायुक्त ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का आदेश दिया था। राज्य के अवर सचिव अजित कवडे के दिसंबर 2016 के आदेश पर तत्कालीन मनपा आयुक्त डॉ. योगेश म्हसे ने जांच शुरू की, तो अपात्र कर्मचारी न्यायालय चले गए। पिछले लगभग 6 वर्षों से कार्रवाई करने की मांग करते हुए संगीता नरोटे ने उस समय आत्महत्या की भी चेतावनी दी थी। इसके बावजूद भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई। संगीता ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस से की, तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने भर्ती रद्द करके दोषियों पर कार्रवाई का आदेश दिया था। इसके बाद आयुक्त ने फायरमैन धनंजय खैरे, बालवाडी सहायिका श्रद्धा कसालकर एवं रोशना शोष्ते को निलंबित कर सेवा समाप्ति का नोटिस दिया है।