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‘किसान क्रांति यात्रा’ खूब हुआ घमासान, पर डटे रहे किसान

नई दिल्ली : ‘किसान क्रांति यात्रा’ लेकर राजघाट जाने और वहां से संसद तक मार्च की योजना बनाए किसानों को दिल्ली-यूपी सीमा पर रोकने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस ने पूरा जोर लगा दिया। मंगलवार सुबह करीब सवा 11 बजे किसानों ने बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। पत्थर फेंके गए। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। पानी की बौछारें छोड़ीं। लाठियां चलाईं। रबड़ की गोलियां भी दागीं। ट्रैक्टरों के तार काट दिए। पहियों की हवा निकाल दी। करीब आधे घंटे तक अफरातफरी जैसे हालात में 100 से ज्यादा किसानों को चोंटें आईं, कुछ गंभीर भी हैं। दिल्ली पुलिस के एक एसीपी समेत 7 पुलिसकर्मी घायल हुए।
किसानों पर बल प्रयोग को विपक्ष ने मुद्दा बनाते हुए यूपी और केंद्र की सरकारों पर हमला बोला। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों को दिल्ली आने से रोकना गलत है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कटाक्ष किया कि किसानों की बर्बर पिटाई से भाजपा ने अपने गांधी जयंती समारोह की शुरुआत की है। एसपी नेता अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी केंद्र पर हमले बोले।
सरकार के प्रस्ताव किसानों को नामंजूर• 10 साल पुराने ट्रैक्टरों पर रोक के एनजीटी के आदेश को चुनौती देगी सरकार, कानून बनाने की भी कोशिश• मनरेगा समिति में किसानों के प्रतिनिधि रहेंगे, खेतिहर मजदूरों को भी मिलेगा फायदा• खेती के उपकरणों को जीएसटी फ्री या सबसे निचली स्लैब में रखने पर विचार का भरोसा• एमएसपी का फायदा सभी किसानों को मिला, रबी की फसल में डेढ़ गुने लाभ का वादा• देश में भरपूर पैदा होने वाली फसलों का आयात कम से कम करेगी सरकार• फसल बीमा-किसान क्रेडिट का फायदा सभी को, 60 दिन में बीमा रकम नहीं तो 12 प्रतिशत ब्याज भी, आवारा पशुओं से फसल का बचाव
इन मांगों पर चुप रही सरकार• गन्ना बकाया का जल्द भुगतान, भुगतान में देरी पर ब्याज• देश भर में कर्जमाफी हो, ब्याजमुक्त कर्ज मिले• पूरे देश में एक रेट पर बिजली मिले• 60 साल के बाद पेंशन दी जाए • फसल बीमा योजना में अनुकूल बदलाव• स्वामिनाथन समिति की रिपोर्ट लागू करना
11 सूत्री मांगों को लेकर हरिद्वार से दिल्ली के लिए चले हजारों किसानों ने जब मंगलवार सुबह जबरन उत्तर प्रदेश की सीमा पार करने की कोशिश की, तो पुलिस के जवानों के साथ घमासान छिड़ गया। अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती पर हुए इस बवाल से जहां नरेंद्र मोदी सरकार नई परेशानी में घिरती नजर आई, वहीं विपक्षी दलों को हमले करने का एक और मौका मिल गया। सरकारी आश्वासन हमें कबूल नहीं हैं। हमारा आंदोलन चलता रहेगा। – नरेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन
इन्हें मानने के दिए संकेत
ब्याज मुक्त कर्ज, अनुकूल बीमा योजना, गन्ना बकाया का जल्द भुगतान, भुगतान में देरी पर ब्याज, पूरी फसलों की सरकारी खरीद
दिन भर मनाने में जुटे रहे राजनाथ: पीएम मोदी ने आंदोलन को काबू में रखने की जिम्मेदारी गृह मंत्री राजनाथ को सौंपी। राजनाथ ने कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से पता किया कि सरकार किसानों की मांगों पर क्या कर सकती है। उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत को फोन कर मांगों पर सरकार का प्रस्ताव रखा। राजनाथ ने किसान नेताओं की कमिटी बनाने की पेशकश की है, जो उनकी मांगों पर उठाए सरकारी कदमों की हर 15वें दिन समीक्षा करेगी। टिकैत ने कहा कि हमें आश्वासन स्वीकार नहीं, आंदोलन जारी रखेंगे।

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