भाईंदर, अब दिखावा महंगा पड़ सकता है यानी कहीं भी होर्डिंग लगाने पर जेल भी हो सकती है। मीरा-भाईंदर में अब नेता धड़ल्ले से होर्डिंग नहीं लगा पाएंगे। मनपा के प्रस्ताव के अनुसार, होर्डिंग केवल मनपा के 386 होर्डिंग साइट्स पर ही लगाए जा सकेंगे। अधिकृत होर्डिंग का किराया कई हजार रुपये है।
विज्ञापन विभाग के प्रमुख दादा साहेब खेत्रे ने बताया, ‘हमने सोमवार से सभी 6 प्रभागों में अनधिकृत बैनरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। अब केवल मनपा की अधिकृत होर्डिंग्स साइट पर ही बैनर लगाए जा सकेंगे। प्रस्ताव पिछली महासभा में नगरसेवकों ने पारित किया था।’
होर्डिंग लगाने वालों ने निकलवाए: सोमवार को अजीबो-गरीब नजारा हुआ। नेता होर्डिंग हटाने के अभियान में जुटे दिखे। सत्ता दल के नेता खुद इस अभियान में शामिल होकर होर्डिंग हटवाते नजर आए। महापौर डिंपल मेहता, विधायक नरेंद्र मेहता और करीब 20 नगरसेवक होर्डिंग हटाने में व्यस्त थे। शाम तक 10 ट्रक भरकर अवैध बैनरों को निकाला जा चुका था। मीरा-भाईंदर में तो होर्डिंग-बैनर नेता बनने के पर्याय के तौर पर देखे जाते हैं। हालत ऐसी है कि हर पार्टी के छोटे-बड़े नेता के होर्डिंग लगभग हर गली-चौराहे पर दिखाई देंगे। बढ़ जाएगी शहर की खूबसूरती
सरस्वती एडवर्टाइजिंग के दिलीप पंसारे कहते हैं कि फिलहाल उनके रेग्युलर ग्राहकों को ज्यादा पैसे नहीं देने होंगे, लेकिन अगर मनपा ने जल्द ही होर्डिंग्स की संख्या नहीं बढ़ाई है, तो मांग के अनुसार बैनर लगाना महंगा हो सकता है। जहां 20×10 फीट का एक बैनर लगाने का अभी 10 से 12 हजार का खर्च आता है, जो भविष्य में 18 से 20 हजार हो सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णा गुप्ता ने इस पहल का स्वागत किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि नेता ईमानदारी बरतेंगे, तो ठीक है। गुप्ता के अनुसार, स्वघोषित समाजसेवकों और नेताओं ने अवैध बैनरों से शहर की सुंदरता खराब की है।
बैनर लगाए, तो होगी जेल
मीरा-भाईंदर महानगरपालिका ने चेतावनी दी है कि अवैध बैनर लगाने का नियम तोड़ने पर जेल भी जाना पड़ सकता है। विज्ञापन विभाग के प्रमुख खेत्रे ने इस बात की पुष्टि की है। खेत्रे ने बताया कि अवैध बैनर पर पहले आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। बार-बार नियम भंग करने वालों को जेल भी हो सकती है।