मुंबई: अगले साल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव सहित लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनावी वर्ष में जाने का मतलब है योजनाओं का पिटारा खुलना या लंबित परियोजनाओं को हरी झंडी मिलना। बहरहाल, मुंबई रेलवे के भविष्य को लेकर लगातार बैठकें हो रही हैं। गुरुवार को मुंबई रेल विकास कॉर्पोरेशन (एमआरवीसी) के अधिकारी राज्य सरकार के पास मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (एमयूटीपी) 3-ए को अनुमति देने का प्रस्ताव लेकर जाने वाले हैं। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, 54,777 करोड़ के एमयूटीपी 3ए को एक सप्ताह के अंदर राज्य सरकार की अनुमति मिल जाएगी। हार्बर को मिलेगी ‘संजीवनी’: एमयूटीपी 3ए में खासतौर से हार्बर लाइन की परेशानी मिटाने के लिए 2 परियोजनाएं हैं। सीएसएमटी-पनवेल फास्ट कॉरिडोर और विरार-पनवेल उपनगरीय कॉरिडोर, इन दोनों परियोजनाओं को एमयूटीपी-3 की बजाय एमयूटीपी -3ए में डाल दिया गया था, जिसकी वजह से परेशानी हो रही है। जब ये दोनों परियोजनाएं एमयूटीपी 3 में थीं, तब राज्य सरकार सहित बोर्ड की भी मंजूरी मिल चुकी थी। अब परियोजना को नई श्रेणी में परिभाषित करने के बाद सभी प्रक्रियाएं दोबारा करनी होगी।
पिछले एक महीने में रेलमंत्री 3-4 बार मुंबई का दौरा कर चुके हैं। इस दौरान अधिकारियों के साथ हुई बैठक में हर बार एमयूटीपी-3ए का जिक्र किया। मुंबई के लिए यह बहुत जरूरी प्रोजेक्ट है। हाल ही में हुई एक ओर बैठक के दौरान एमयूटीपी- 3ए पर भी गहन चर्चा हुई। 54,777 करोड़ रुपये के एमयूटीपी-3ए परियोजना की पूरी करने की डेडलाइन 2022-23 रखी गई है। इसमें से 27,388 करोड़ रुपये राज्य सरकार को देने हैं। इस परियोजना से विरार, पनवेल, बांद्रा, कल्याण और बोरीवली क्षेत्र में भीड़ कम होगी। मुंबई के उपनगरीय स्टेशनों पर सुधार होगा।
एमआरवीसी के अनुसार, एक बार राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद बोर्ड से अप्रूवल मिलने में ज्यादा वक्त नहीं लगना चाहिए। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, एमयूटीपी 3ए के लिए स्टेशन डिजाइन से लेकर लाइन का सर्वे सहित सभी चीजों का ब्लू प्रिंट तैयार है। रेलवे का कहना है कि वह कभी भी टेंडर निकालने की स्थिति में है। बोर्ड की मंजूरी के बाद आर्थिक मामलों के लिए केंद्रीय समिति की मंजूरी मिलेगी। एक बार मंजूरी मिलने के बाद भी 6-8 महीने अन्य औपचारिकताओं में लग जाते हैं।