नई दिल्ली, लगातार महंगे होते तेल से परेशान लोगों को सरकार ने चुनावी साल में आखिरकार थोड़ी राहत दे दी।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को अपनी तरफ से पेट्रोल और डीजल 2.50 रुपये प्रति लीटर सस्ता कर दिया। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्य सरकारों से भी पेट्रोल-डीजल पर वैट 2.50 रुपये घटाने को कहा, ताकि तेल के दाम 5 रुपये घट सकें। इसके बाद महाराष्ट्र, यूपी, हरियाणा, गुजरात, एमपी, छत्तीसगढ़, झारखंड, असम और त्रिपुरा ने अपने-अपने टैक्स 2.50 रुपये कम कर दिए। इससे इन राज्यों में पेट्रोल-डीजल 5 रुपये सस्ता हो गया। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल पर ही वैट घटाया है, डीजल पर नहीं। नई दरें आधी रात से लागू हो गई।
जेटली के मुताबिक, एक्साइज ड्यूटी घटाने से केंद्र को 10,500 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। तेल कंपनियों पर 9,000 करोड़ का बोझ पड़ेगा। विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर कच्चा तेल महंगा होता रहा, तो इस कटौती से मिली राहत जल्द खत्म हो जाएगी। गुरुवार को कच्चा तेल 85 डॉलर प्रति बैरल हो गया। चुनावी कवायद!: तेल सस्ता करने के केंद्र के फैसले को आगामी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसका क्रेडिट लेते हुए कहा, ‘यह फैसला दिखाता है कि मोदी सरकार जनता के प्रति कितनी संवेदनशील है।’ वहीं, विपक्षी दलों ने इसे जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश बताया। कांग्रेस ने कहा कि जनता की नाराजगी से मोदी सरकार को आगामी विधानसभा चुनावों में हार सामने दिख रही है, इसीलिए हजारों घाव देने के बाद अब ‘बैंड-एड’ लगाकर जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश की गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस कटौती को नाकाफी बताते हुए कहा कि केंद्र को कम से कम 10 रुपये दाम घटाने चाहिए।