मुंबई के भिंडी बाजार के 4 हजार करोड़ रुपये के पुनर्विकास को रोकने के लिए अकेली महिला किराएदार ने सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर खुद के लिए मुश्किल खड़ी कर ली है. कोर्ट ने सुग्रा बेगम को दो हफ्ते के अंदर 10 हजार रुपये का जुर्माना अदा करने या फिर गिरफ्तारी का आदेश दिया है.
कोर्ट ने उन्हें आखिरी मौका देते हुए दो सप्ताह के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया है. अगर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया तो गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा. जस्टिस राहिंटन एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश दिया है. पिछले साल बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र हाउसिंग एण्ड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएचएडीए) से बेगम को बेदखल करने और पुलिस अधिकारियों को मदद करने के लिए कहा था क्योंकि वह प्रशासन का सहयोग नहीं करती है. शारफली मुमजी चावला के ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाली बेगम इमारत में रहने वाली आखिरी थी. अन्य 53 किराएदारों ने अपना परिसर खाली कर दिया और अस्थाई आवास में रहने को चले गए. इसपर बेगम ने दावा किया था कि संपत्ति वक्फ बोर्ड की है, इसे बेदखल करने से रोका जाए. बेगम ने बेदखल करने संबंधी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दी है. अकेली किराएदार बेगम की ओर से वरिष्ठ वकील सीयू सिंह कोर्ट में उपस्थित थे. जबकि वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और श्याम दिवान को उनकी बेदखली सुनिश्चिम करने के लिए एमएचएडीम की ओर से दिखे.