मुंबई: शिवडी टीबी अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों का विवाद गहराने के बीच समाजसेविका बनकर अस्पताल पहुंचीं आईएएस अधिकारी आई.ए. कुंदन ने वहां लापरवाही का जो मंजर देखा, वह शर्मसार करने वाला है। उन्होंने वहां की दर्दनाक दास्तान बीएमसी सभागृह में बताई।
बीएमसी की अडिशनल कमिश्नर आई. ए. कुंदन ने सदन में बताया, ‘शिवडी टीबी अस्पताल की लगातार आ रही शिकायतों के बाद मैंने बिना पूर्व सूचना के अस्पताल का निरीक्षण किया। एक वॉर्ड में इंतजाम ठीक नजर आया। नर्स ने मेरा परिचय पूछा, तो मैंने खुद को समाजसेविका बताया। मैं दूसरे वॉर्ड में जा रही थी, तो रास्ते में कई नर्सें चाय पीतीं दिखीं। सिक्युरिटी वाले गप्प मार रहे थे। गंभीर रूप से बीमार एक मरीज को परिजन ले जा रहे थे। उसके मुंह से खून निकल रहा था और वह खून से लथपथ था। नियम के अनुसार उसके साथ नर्स होनी चाहिए थी, लेकिन केवल वॉर्ड बॉय था।’
कुंदन ने सदन को बताया, ‘वॉर्ड के अंदर गीली बेडशीट को लेकर नर्स से सवाल किया, तो जवाब मिला कि कुछ देर पहले ही तो बदली थी, अब क्या बार-बार बदलूंगी/ जैसे ही नर्सों को पता चला कि मैं अडिशनल कमिश्नर हूं, तो वे आकर माफी मांगने लगीं।’ गरीबी और बीमारी की मार झेल रहे मरीजों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार बेहद चिंताजनक और शर्मनाक है। जिस तरह आईएएस अधिकारी आई.ए. कुंदन ने आैचक निरीक्षण करके अस्पताल की लापरवाही का पर्दाफाश किया, वह सराहनीय है। हकीकत का जायजा लेने के लिए इसी तरह काम किया जाना चाहिए।
इस मामले को हमने बहुत गंभीरता से लिया है। अस्पताल में यूनियनबाजी नहीं चलेगी। बच्चों के वॉर्डों में हद दर्जे की बदइंतजामी थी।
लगेगा मेस्मा! नर्सों की प्रस्तावित हड़ताल पर बीएमसी कड़ा रुख अपनाने जा रही है। डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च (डीएमईआर) ने अस्पताल में हड़ताल करने वालों पर मेस्मा कानून लगाने संबंधी प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा है। मंजूरी मिलने पर इसे बीएमसी अस्पतालों में भी लागू किया जाएगा। उसके बाद अस्पतालों में हड़ताल करना मुश्किल हो जाएगा।
गरमाई सियासत: मौत से लड़ रहे टीबी के रोगी बच्चों को लेकर सियासत भी गरमा गई है। महापौर के पास पहुंचे नर्सों के प्रतिनिधिमंडल ने डॉक्टर द्वारा बच्चों के साथ गलत हरकत की मंशा जताई। इस संदर्भ में वीडियो भी दिखाए गए। इस बीच, राकांपा नगरसेवक कप्तान मलिक ने डर से रो-रहे बच्चे को बीएमसी सभागृह में जबर्दस्ती लाने की कोशिश की।
क्या है मामला• अस्पताल में भर्ती 6 बच्चों के परिजन का आरोप है कि नर्सें उन्हें लगातार प्रताड़ित कर बाहर जाने को कह रही थीं• आखिरकार सभी परिजन अपने बच्चों को लेकर माहिम दरगाह पहुंचे• फिर भर्ती कराया गया• इसके बाद नर्सों ने हड़ताल कर दी• कुछ नर्सों के खिलाफ
कार्रवाई के बाद एक सप्ताह स्थिति सामान्य रही• नर्सों ने अचानक गुरुवार को कामकाज फिर ठप कर दिया
गुरुवार को नर्सों का प्रतिनिधिमंडल डॉक्टरों की शिकायत करने महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर के पास पहुंचा। पूर्व महापौर श्रद्धा जाधव ने बीएमसी सभागृह में यह मुद्दा उठाया, तो डॉक्टरों के पक्ष में विपक्षी नगरसेवक आ गए। इस बीच, अस्पताल में भर्ती गरीब बच्चों के परिजन भी बीएमसी लाए गए। काफी देर चले हो हंगामे के बाद महापौर ने पूरे मामले की जांच का आदेश दिया।