मुंबई: डिग्री न होने के बावजूद अपने अनुभव के आधार पर एक्यूपंक्चर की प्रैक्टिस कर रहे हजारों चिकित्सकों को सामान्य डॉक्टरों की तरह रजिस्ट्रेशन मिलेगा। महाराष्ट्र एक्यूपंक्चर संगठन के सदस्यों ने गुरुवार को ‘डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च’ के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद चिकित्सा पद्धति को नियमित करने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई ‘महाराष्ट्र एक्यूपंक्चर काउंसिल’ ने सभी को रजिस्ट्रेशन देने की मांग मान ली है।
रजिस्ट्रेशन के वादे के बाद वहां मौजूद महाराष्ट्र एक्यूपंक्चर संगठन के सभी सदस्यों ने खुशी जताई। हालांकि इस रजिस्ट्रेशन में इतना फर्क जरूर रहेगा कि मेडिकल डिग्री रखने वाले चिकित्सकों को ‘ए’ वर्ग में रजिस्ट्रेशन दिया जाएगा, जबकि अनुभव के आधार पर आम एक्यूपंक्चर चिकित्सकों को ‘बी’ और ‘सी’ वर्गों में रजिस्ट्रेशन दिया जाएगा।
इस मुद्दे पर आंदोलन की मुद्रा बनाकर आए एक्यूपंक्चर चिकित्सकों ने काउंसिल की डायरेक्टर रूमी बैरामजी से मुलाकात की। बाद में प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे डॉ. सचिन लोहिया ने बताया कि जीवनभर का रजिस्ट्रेशन देने की मांग काउंसिल ने मान ली है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा हमारी यह भी मांग है कि हर पांच वर्ष में एक्यूपंक्चर काउंसिल के चुनाव हों। प्रदर्शनकारियों को बताया गया कि जिन मांगों का अभी हल नहीं मिल सका, उसके नतीजे अगले 2-3 दिनों में वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे। संगठन के सदस्य राकेश खन्ना ने बताया कि एक्यूपंक्चर चिकित्सकों की मांग• एक्यूपंक्चर चिकित्सकों को दिए जाएंगे ‘बी’ और ‘सी’ श्रेणी में रजिस्ट्रेशन• डिग्री लेने वाले डॉक्टरों को दिए जाते हैं ‘ए’ श्रेणी में रजिस्ट्रेशन
को 3 वर्गों में विभाजित करना उचित नहीं है। ‘ए’ वर्ग में डिग्रीधारी मेडिकल डॉक्टर शामिल हैं। ‘बी’ और ‘सी’ वर्गों में एक्यूपंक्चर चिकित्सकों को रखा गया है, जो कि भेदभाव का जीता-जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि, हमें कम महत्वपूर्ण ‘बी’ और ‘सी’ वर्गों में डालने के बजाय हमारा सत्कार करना चाहिए था कि हमारी ही वजह से यह काउंसिल बन पाई। हमारे पास कोई सरकारी डिग्री नहीं है, लेकिन हम सब ने इस इलाज को वर्षों तक लंबे अनुभव से सीखा है। हम में से किसी के भी खिलाफ कोई शिकायत नहीं आई है। क्या है एक्यूपंक्चर थैरपी
एक्यूपंक्चर थैरपी एक प्रकार का परंपरागत चाइनीज इलाज है, जिसमें बारीक, तेज नोंकदार सुई को शरीर के विशिष्ट अंगों पर चुभोया जाता है। इस थैरपी के बारे में लोगों का मानना है कि इस प्रक्रिया के जरिये शरीर में ऊर्जा के प्रभाव को बेहतर किया जाता है और इसका उपयोग कई तरह की बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधित शिकायतों के लिए किया जाता है।