नई दिल्ली: जेएनयू स्टूडेंट नजीब अहमद की गुमशुदगी मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाने की उनकी मां की मांग सोमवार को हाई कोर्ट ने नामंजूर कर दी। हाई कोर्ट ने सीबीआई की जांच को संतोषजनक माना और ट्रायल कोर्ट के सामने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की इजाजत दे दी। अदालत ने सीबीआई पर निष्पक्षता से जांच न करने के आरोप खारिज करते हुए कहा कि उसे नहीं लगता कि देश की सबसे बड़ी
जांच एजेंसी ने जांच में सुस्ती दिखाई या वह किसी राजनीतिक दबाव में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने का फैसला ले रही है।
27 वर्षीय नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 से लापता हैं। उनकी मां फातिमा नफीस का आरोप था कि लापता होने से पहले रात को नजीब का कथित रूप से एबीवीपी से जुड़े छात्रों से झगड़ा हुआ था।