नागपुर/लखनऊ: भारत के सबसे आधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम ‘ब्राह्मोस’ की खुफिया जानकारी पाकिस्तान और अन्य देशों को देने के आरोप में डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के सीनियर सिस्टम्स इंजिनियर निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है। ब्रह्मोस भारत-रूस का संयुक्त उपक्रम है। डीआरडीओ रक्षा मंत्रालय के तहत काम करता है। यहां पर देश के डिफेंस से जुड़ी चीजों पर रिसर्च होती है।
यूपी एटीएस (एंटि टेररिस्ट स्क्वॉड) और मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीम रविवार रात को ही यहां पहुंच गई थी। उसने स्थानीय पुलिस की मदद से जॉइंट ऑपरेशन में निशांत को वर्धा रोड स्थित उसके घर से सोमवार की सुबह पकड़ा। जांच टीम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि हमने निशांत के घर से कुछ गोपनीय दस्तावेज बरामद किए हैं। अब उससे इस संबंध में हिरासत में पूछताछ की जा रही है। जांच अधिकारी सुबह 5:30 बजे पहुंचे और शाम पांच बजे तक पूरे घर की छानबीन करते रहे। उसके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट ऐक्ट के तहत कार्रवाई होगी। कानपुर के डीएमएसआरडी लैब में काम करने वाले दो और युवा वैज्ञानिक कथित रूप से संदेह के दायरे में हैं। अभी इनके नाम सामने नहीं आए हैं।
निशांत अग्रवाल रूड़की का रहने वाला है। दो महीने पहले उसकी शादी हुई थी। उसके मकान मालिक मनोहर काले ने बताया कि निशांत ने मेरा मकान पिछले साल किराये पर लिया था।
इस संबंध में यूपी एटीएस का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से फिलहाल बहुत कुछ सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। हालांकि जिस शख्स को गिरफ्तार किया गया है, उसके बारे में पुख्ता जानकारी मिली थी कि वह पाकिस्तान के लिए काम कर रहा है। इस सिलसिले में खुफिया एजेंसियों को भी जानकारी दी गई है। और वैज्ञानिक भी शामिल सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि आईएसआई के इस माड्यूल में कुछ और वैज्ञानिक शामिल हो सकते हैं, क्योंकि जासूसी के इस काम को अकेला व्यक्ति अंजाम नहीं दे सकता। इसे देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे जाल का पता लगाने में जुट गई हैं।