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सीबीआई 18 नवंबर तक दायर कर सकती है आरोप-पत्र

मुंबई, बॉम्बे हाई कोर्ट को बुधवार को बताया गया कि सीबीआई सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ इस साल 18 नवंबर तक आरोप-पत्र दायर कर देगी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया या उनको हिरासत में लेने का अधिकार हासिल किया है। इस मामले के कई आरोपियों पर पिछले साल सितंबर में बेंगलुरु में पत्रकार एवं कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या में भी भूमिका होने का आरोप है। महाराष्ट्र में अंधविश्वास की प्रथाओं को खत्म करने में अग्रणी रहे 68 वर्षीय दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में हत्या कर दी गई थी। सीबीआई की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला की पीठ को बताया कि एजेंसी ने मामले में अपनी जांच पूरी करने और आरोप-पत्र दायर करने के लिए स्वयं ही 18 नवंबर आखिरी तारीख तय की है।
सीबीआई ने न्यायालय को इससे पहले बताया था कि उसे लंकेश और दाभोलकर की हत्या के तार आपस में जुड़े होने का शक है और वह जल्द ही इस मामले में कुछ ठोस प्रगति करेगी। इस बीच महाराष्ट्र सीआईडी द्वारा वामपंथी नेता गोविंद पानसरे की हत्या की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को पीठ को बताया कि वह ‘कुछ आरोपियों’ की सीबीआई हिरासत का खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वह पानसरे मामले में अगर उनकी कोई भूमिका है तो उसकी जांच कर सके। एसआईटी का कहना है कि उसे एक हफ्ते के भीतर आरोपियों की हिरासत मिल जाएगी।
सीबीआई और राज्य सीआईडी क्रमश: दाभोलकर एवं पानसरे की हत्या की जांच कर रही है। दोनों जांच एजेंसियों ने बुधवार को एक सीलबंद लिफाफे में अपनी-अपनी प्रगति रिपोर्ट पीठ को सौंपी। पीठ ने दोनों को अगली सुनवाई यानी इस साल 22 नवंबर तक आगे की प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। बेंच ने महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख अतुलचंद्र कुलकर्णी को आगाह किया कि वे मीडिया या जनता को पानसरे और दाभोलकर हत्याकांड से संबंधित जांच संबंधी कोई जानकारी न दें।

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