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बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को पेड़ों की कटाई पर आपत्ति, HC ने कहा- हो उचित सुनवाई

मुंबई, बॉम्बे हाई कोर्ट ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को गुरुवार को निर्देश दिया कि मेट्रो कार शेड परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई के प्रस्ताव पर आपत्ति जताने वाले निवासियों की उचित सुनवाई हो। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील और न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी ने बीएमसी के पेड़ प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वह कार शेड के लिए पेड़ों की कटाई की खातिर अनुमति दिए जाने का ब्योरा अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करे। मुंबई मेट्रो रेल निगम (एमएमआरसी) के प्रस्ताव पर आपत्ति वाली याचिका का निस्तारण करते हुए हाई कोर्ट ने ये निर्देश दिए।
मुंबई मेट्रो के तीसरे चरण की परियोजना में प्रस्तावित कार शेड के लिए आरे मिल्क कॉलोनी के पास 33 हेक्टेयर प्लॉट पर 2700 पेड़ों को काटने का प्रस्ताव है। बीएमसी ने याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह समय पूर्व है, क्योंकि पेड़ प्राधिकरण को कार शेड के लिए पेड़ों की कटाई को लेकर अंतिम अनुमति अभी तक नहीं मिली है। बीएमसी ने कहा कि इसने लोगों से आपत्तियां आमंत्रित की हैं और इस तरह की आपत्तियों पर सुनवाई की अनुमति देने की प्रक्रिया जारी है।
आम आदमी पार्टी (आप) की नेता प्रीति मेनन की याचिका के मुताबिक, बीएमसी के पेड़ प्राधिकरण ने उन लोगों की आपत्तियों पर उचित सुनवाई नहीं की, जिन्होंने पेड़ों की प्रस्तावित कटाई पर आपत्ति जताई थी। याचिकाकर्ता के मुताबिक, बुधवार को इस तरह की पहली सुनवाई में बीएमसी को 40 हजार लिखित आपत्तियां मिलीं और जन सुनवाई के लिए करीब 200 निवासी आए, लेकिन बीएमसी और एमएमआरसी के अधिकारी सुनवाई बीच में ही छोड़कर चले गए। लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं किया। बीएमसी के वकील ने कोर्ट को बताया कि जल्द ही एक और सुनवाई रखी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिन 2700 वृक्षों को गिराया जाएगा, उनमें से 450 वृक्षों को ट्रांसप्लांट करके कहीं अन्य जगह लगाया जाएगा।

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