मुंबईः शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा को खुली चुनौती दी है कि अगर तुमसे अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं होता, तो शिवसेना वहां राम मंदिर बनवाएगी। उन्होंने शिवसेना के स्वर्ण महोत्सव वर्ष में आयोजित परंपरागत दशहरा रैली में ऐलान किया कि वह 25 नवंबर को अयोध्या जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘सरकार चाहे किसी की भी हो, प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री चाहे कोई हो, हर साल दशहरे पर रावण खड़ा किया जाता है। मगर इतने सालों में राम मंदिर खड़ा नहीं हो सका।’ ठाकरे ने कहा, ‘देश भर के हिंदुओं ने अयोध्या में एकत्र होकर बाबरी ढांचा गिराया था। तब लगा था कि राम मंदिर बनकर रहेगा। पिछले चार साल से राज्य में और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकारें हैं, फिर भी राम मंदिर बनने के कोई आसार नहीं हैं।’
उन्होंने भाजपा को चुनौती दी कि राम मंदिर बनाओ या फिर कहो कि राम मंदिर बनाने की घोषणा महज एक जुमला था। ठाकरे ने कहा कि यहां से जो सवाल मैं प्रधानमंत्री मोदी से पूछ रहा हूं, वही सवाल अयोध्या जाकर भी पूछूंगा।
भाजपा और सरकार के अंदर एक वर्ग यह मान रहा है कि 2019 के आम चुनाव से पहले मंदिर पर कानून या अध्यादेश का रास्ता अपनाने से कार्यकर्ता उत्सहित होंगे और हिंदू वोट जुटाने में मदद मिलेगी। दूसरे वर्ग की चिंता है कि किसी अति उत्साही कदम से भाजपा विरोधी वोट पूरी तरह एकजुट हो जाएंगे।
सरकार की पहली नजर 29 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर केस पर सुनवाई पर है। सूत्रों के अनुसार, उस दिन कोर्ट के रुख से पता चल सकता है कि मामला कितना खिंचने वाला है। अगर कोर्ट रोज सुनवाई को राजी हो गया, तो सरकार के लिए बड़ी राहत की बात हो सकती है।
जल्दबाजी नहीं
सरकारी सूत्रों के अनुसार, राम मंदिर बनाने का संवेदनशील मामला बेहद सावधानी से उठाया जाएगा। इतना तय है कि सरकार तमाम विकल्पों को खुला रखकर आगे बढ़ेगी। अभी इससे जुड़े तमाम पहलुओं पर नजर रखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इस पर अंतिम फैसला पीएम नरेंद्र मोदी ही करेंगे।