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CM फडणवीस ने कहा था सुरक्षित हैं उत्तर भारतीय, 2 दिन बाद ही शिवसैनिकों ने पीटा

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में आयोजित हुए ‘आजतक’ के कार्यक्रम मुंबई मंथन में शिरकत करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में हर कोई सुरक्षित है. उन्होंने यहां तक कहा था कि उत्तर प्रदेश के लोग जितने वहां पर सुरक्षित नहीं है उतने महाराष्ट्र में हैं. मुख्यमंत्री के इस बयान के 2 दिन बाद ही बुधवार की शाम को दादर के प्रभादेवी इलाके में उत्तर भारतीय परिवार पर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया.
हमले की वजह सिर्फ इतनी थी कि यह परिवार अपने ही सोसायटी के सामने एक ठेला लगा रहा था जिसका विरोध शिवसैनिक कर रहे थे. शिवसैनिकों ने इस परिवार का पहले ठेला तोड़ा, उनसे बदतमीजी की और फिर उनकी पिटाई कर दी. यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई. पीड़ित परिवार का आरोप है कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने महज इस लिए पूरे परिवार को दौड़ा-दौड़ा कर घर तक ले जाकर पीटा क्योंकि हाल ही में उन्होंने फ्रेंकी का स्टाल लगाया था, जिससे ये लोग खफा थे.
घटना 24 अक्टूबर की शाम 4 बजे की है, जब हाथ में डंडा लेकर शिवसेना से जुड़े कई लोग उत्तर भारत के लड़के की बुरी तरह पिटाई कर दिए. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने उनके भाई को भी जमकर पीटा. इस घटना में विशाल पांडे, उनका भाई निखिल पांडे और मां आशा पांडे जख्मी हुए हैं. उनका इलाज केईम अस्पताल में चल रहा है. दादर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पीड़ित परिवार के मुताबिक विशाल की पिटाई करने वाले सभी शिवसेना के कार्यकर्ता हैं. जिसमें से एक तो उसी प्रभादेवी इलाके का शाखा प्रमुख शैलेश माली है जिसने अपने बेटे मंदार माली के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया. पीड़ित विशाल प्रभादेवी इलाके में अपनी मां, भाई और 2 बहनों के साथ रहता है. विशाल ने परिवार के पालन-पोषण के लिए फ्रेंकी का स्टाल लगाकर बिजनेस शुरू किया था, जोकि घर से कुछ ही दूरी पर था. बिजनेस शुरू होने के दूसरे ही दिन यानी 24 अक्टूबर को शिवसेना के कुछ कार्यकर्ता दुकान पर पहुंचे.
पहले उन्होंने विशाल के साथ गाली-गलौज की और उसके बाद स्टॉल को भी तोड़ दिया. इतना ही नहीं उन्होंने विशाल को धमकी भी दी. सीसीटीवी के मुताबिक स्टॉल से लेकर विशाल के घर तक शिवसेना के कार्यकर्ता विशाल को मारते रहे. भाई को बचाने गए विशाल के भाई निखिल को भी उन्होंने नहीं छोड़ा. कार्यकर्ताओं ने निखिल की भी डंडे से पिटाई कर दी. जब विशाल की मां बेटे को बचाने गईं तो उन्हें भी पीटा गया. तीनों का ही अस्पताल में इलाज चल रहा है.

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