पालघर, पालघर जिले के नागरिक व किसान बीते महीने जहां जलभराव व बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे थे, वहीं अब सूखे और पानी की समस्याओं से जूझ रहे हैं। पानी की कमी को लेकर जो स्थिति अप्रैल या मई में हुआ करती थी, वह इस साल नवंबर आने से पहले शुरू हो गई है। हालात ये हैं कि शहरी इलाकों में अभी से पानी की समस्या शुरू हो गई है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब, कुएं व नदियां सूख जाने से फसलों के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है। इससे फसलें तैयार होने से पहले बर्बाद हो रही हैं।
लोगों के सामने जल संकट देखकर पानी माफिया ने लोगों की मजबूरी का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। अभी से टैंकरों व मिलरल वाटर के दामों में बढ़ोतरी शुरू कर दी गई है। जुलाई के बाद से ही बारिश न होने और कड़ी धूप व उमस की वजह से अक्टूबर महीने में ही पालघर जिले में पानी की समस्या बढ़ गई है। शहरी लोगों को अभी से अप्रैल-मई की चिंता सताने लगी है। हालांकि जिले की एक मात्र वसई विरार शहर मनपा क्षेत्र में वर्तमान में पानी की कटौती नहीं की जा रही है, लेकिन आने वाले दिनों में पानी की कटौती की जा सकती है। वसई विरार मनपा अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में बांधों का जलस्तर घटा है, लेकिन आने वाली गर्मियों तक के लिए हमारे पास पानी जमा है।
सूखे का संकट
पालघर जिले में कई ग्रामीण बाहुल्य क्षेत्र हैं। जव्हार, मोखाडा, वाडा, तलासरी, दहाणू, विक्रमगढ, कासा आदि क्षेत्रों में इन दिनों गर्मी से कुएं, तालाब, नदी, झरने सब सूख गए हैं। खेती के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने से यहां की फसलें सूखने लगी हैं। बता दें कि यहां ज्यादातर आदिवासी लोग रहते हैं, जो खेती करके अपना गुजर बसर करते हैं। लेकिन अक्टूबर महीने की भीषण गर्मी ने जो जल संकट खड़ा किया है, उससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
घटा है बांधों का जलस्तर
वसई विरार शहर मनपा को पानी की सप्लाई करने वाले सूर्या, पेल्हार, पापडखिंड व उसगांव बांध हैं। पिछले वर्ष अक्टूबर में इन बांधों में सौ फीसदी पानी जमा था, जबकि इस वर्ष जलस्तर काफी घट चुका है। वसई विरार के शहर अभियंता माधव जवादे ने कहा कि इस वर्ष बारिश कम हुई है, जिससे वसई-विरार शहर में पानी की आपूर्ति करने वाले सूर्या, पेल्हार, पापडखिंड व उसगांव डैम का जलस्तर घटने से आने वाले दिनों में पानी की समस्या बढ़ सकती है।