मुंबई, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि अगर आरएसएस को लगता है कि अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए किसी आंदोलन की जरूरत है तो उसे नरेंद्र मोदी सरकार गिरा देना चाहिए। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने इससे पहले शुक्रवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो इसके लिए वह इस मुद्दे पर कोई आंदोलन छेड़ने में नहीं हिचकिचाएगा। सेना मुख्यालय में मीडिया के साथ बात करते हुए ठाकरे ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने आरएसएस के समूचे अजेंडे को नजरअंदाज किया है। शिवसेना के प्रमुख ने कहा, ‘मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद राम मंदिर का मुद्दा दरकिनार कर दिया गया। जब शिवसेना ने मुद्दा उठाया और मंदिर निर्माण पर जोर देने का फैसला किया तो आरएसएस अब इस मांग पर जोर देने के लिए आंदोलन की जरूरत महसूस कर रहा है।’
ठाकरे ने कहा, ‘एक मजबूत सरकार होने के बावजूद अगर आप (आरएसएस) किसी आंदोलन की जरूरत महसूस करते हैं तो इस सरकार को गिरा क्यों नहीं देते।’ इससे पहले आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन पर संघ महासचिव भैयाजी जोशी ने शुक्रवार को कहा कि संघ ‘अगर जरूरत पड़ी तो राम मंदिर के लिए आंदोलन छेड़ने से नहीं हिचकिचाएगा’ लेकिन इस मामले में ‘रोक लगी है’ क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में है।
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि आरएसएस के कठिन-कठोर काम के चलते बीजेपी केंद्र में सत्ता में आई, लेकिन उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त करने और समान नागरिक संहिता लागू करने समेत संघ के समूचे अजेंडा को अब ताक पर रख दिया गया है। ठाकरे ने दावा किया, ‘जब मैंने राम मंदिर का मुद्दा उठाया और 25 नवंबर अयोध्या जाने की घोषणा की तो दूसरे लोगों ने भी मुद्दे पर चर्चा करना शुरू कर दिया।’