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सफाईकर्मियों की हड़ताल शुक्रवार शाम समाप्त, उठने लगा जमा कचरा

मुंबई, सफाईकर्मियों की हड़ताल शुक्रवार शाम समाप्त हो गई। जगह-जगह फैले कचरे को साफ करने का काम युद्ध स्तर पर किया जाएगा। बुधवार तक कर्मचारियों की मांगों पर सकारात्मक हल निकालने का आश्वासन स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव ने यूनियन नेताओं को दिया, जिसके बाद दिन भर चली हड़ताल वापस ले ली गई। अगले सप्ताह तक हल न निकलने पर फिर से हड़ताल की चेतावनी यूनियन ने दी है। इससे पहले दिन भर पूरे मुंबई में कहीं से भी कचरा नहीं उठाया गया। जगह-जगह कचरे का ढेर लगा रहा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत इस तरह की गंदगी ने मुंबईकरों को परेशान किया। बीएमसी ने कांदिवली, बोरिवली, दहिसर और मुलुंड में कचरे के डब्बे मुहैया कराने से लेकर उसे उठाकर डंपिंग ग्राउंड तक ले जाने का पूरा जिम्मा प्राइवेट ठेकेदार को सौंप दिया है। ठेकेदार के काम की शुरुआत होते ही प्राइवेट कर्मी कचरा उठाने पहुंच गए, जिसके बाद बीएमसी के कचरा कर्मी और ठेके पर काम कर रहे कर्मचारी अचानक हड़ताल के मूड में आ गए। इस मसले को गंभीरता से उठाया था। प्रशासन ने इन्हें दूसरे वॉर्ड में काम देने का भरोसा दिया। लेकिन चार वॉर्ड की तर्ज पर पूरे मुंबई से कचरा कर्मियों को धीरे-धीरे हटाए जाने के डर ने उन्हें सकते में ला दिया। दूसरे वॉर्ड में कम श्रेणी का काम दिए जाने को लेकर भी उनकी आपत्ति थी। जिसके चलते शुक्रवार को दिन भर पूरे मुंबई के सफाई कर्मियों ने कचरा नहीं उठाया। इस अभियान में उन्हें झाड़ू लगाने वालों का भी साफ मिलने की बात हो चुकी थी।
जाधव के नेतृत्व में बीएमसी अधिकारियों और यूनियन नेताओं की चर्चा में कई अहम मुद्दों पर भरोसा दिया गया। यूनियन के नेता बाबा कदम ने कहा कि हमारे मोटर लोडर को दूसरे वॉर्ड में वही काम देने का भरोसा दिया गया है। ठेका पद्धति पर नियुक्त कर्मियों को भी काम पर रखा जाएगा। सफाई कर्मियों के लिए तमाम बुनियादी सुविधाएं चौकी पर उपलब्ध कराई जाएंगी। इस संदर्भ में पूरी रिपोर्ट मंगलवार तक जमा होगी। हम अपना फैसला उसके बाद ही लेंगे।
बीएमसी ने चार वॉर्ड में कचरा उठाने के काम से पूरी तरह से हाथ खींच लिया है। कर्मचारियों को डर है कि अभी तो उन्हें दूसरे वॉर्ड में काम दे दिया जाएगा लेकिन यह मॉडल सफल हो जाने पर भविष्य में नौकरियां पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगी। एक कर्मचारी ने बताया कि मोटर लोडर से झाड़ू लगाने का काम कराने पर उसकी पगार कम हो जाती है, ऐसे में हमें पुराना काम ही चाहिए। बीएमसी से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि इन वॉर्डों में व्यवस्था सफल होने पर सात साल बाद नए ठेके के समय बाकी जगहों पर इसे लागू करने को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
हमने प्रशासन को मंगलवार तक रिपोर्ट देने को कहा है। इसके बाद मामले को हल किया जाएगा।

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