मुंबई : `सबका मालिक एक’ का संदेश देनेवाले फकीर साईनाथ ने जीवन भर एक झोली लेकर भिक्षाटन किया। उन्हें जो कुछ मिलता उस भोजन में से कुछ खाकर शेष वे गरीबों को और पशु-पक्षियों को खिला देते थे। मानवतावादी संदेश देते हुए वे सभी से अपने-अपने धर्मानुसार आचरण-व्यवहार करने पर जोर देते थे। ऐसा माना जाता है कि उन पर जो कोई विश्वास दिखाता या उनके प्रति समर्पण कर देता, उसके दुख वे दूर करते थे। धीरे-धीरे साईभक्तों की भीड़ इतनी बढ़ने लगी और लोग इतना अनाज और फल आदि लाने लगे कि साईबाबा ने भंडारा शुरू कर दिया और लोगों को प्रसाद स्वरूप उपलब्ध भोजन खिलाने लगे। आज साईबाबा सशरीर नहीं हैं लेकिन भक्त आज भी मानते हैं कि साईनाथ के हजारों हाथ हैं और वे सबकी सुनते हैं। अबकी बार साईनाथ ने महाराष्ट्र सरकार की सुन ली है। शिर्डी के साईबाबा संस्थान ने महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार को बिना ब्याज और बिना किसी शर्त के ५०० करोड़ रुपए दिए हैं। बता दें कि दो साल पहले शिर्डी से २६ किलोमीटर दूर लोनी गांव में मुख्यमंत्री फडणवीस ने निलवांडे परियोजना का एलान किया था। लोनी गांव विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील का इलाका है। इस इलाके में हर सीजन में पानी की कमी रहती है। लोगों को पेयजल के लिए इधर-उधर भागना पड़ता है। महाराष्ट्र सरकार ने सिंचाई परियोजना शुरू कर इस कमी को दूर करने का एलान किया था।
फकीर के कटोरे पर सरकारी डोरे
‘चाह गई चिंता गई मनवा बेपरवाह, जिनको कछु न चाहिए वही शहंशाह।’ इसी तरह के एक शहंशाह फकीर ने जीते-जी सबको बहुत कुछ दिया। शरीर छोड़ने के बाद आज भी कई भक्त मानते हैं कि उनकी जिंदगी शिर्डी वाले फकीर साईनाथ ने संवारी है। शरीर छोड़ने के बाद भी इस फकीर के कटोरे पर सरकार की नजर है। शिर्डी साईनाथ संस्थान की तिजोरी से ५०० करोड़ रुपए महाराष्ट्र सरकार को दिए जाने हैं, वह भी ब्याजमुक्त।
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार को शिर्डी संस्थान द्वारा कर्जस्वरूप दी गई इस राशि का इस्तेमाल सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने में लगेगा। महाराष्ट्र सरकार को कई साल से अटकी निलवांडे सिंचाई परियोजना के लिए कर्ज की दरकार थी। सरकार के पास पर्याप्त राशि न होने के कारण परियोजना पूरी नहीं हो पा रही थी। कर्ज मिलने के बाद यह परियोजना पूरी होने की उम्मीद जगी है। इससे नगर जिले की अधिकांश तहसीलों में पेयजल की समस्या समाप्त होने की संभावना है। इस जिले में पानी की काफी किल्लत रहती है। यहां सिंचाई से लेकर पीने के पानी की भी दिक्कतें सामने आती हैं।
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने कर्ज के लिए शिर्डी ट्रस्ट से संपर्क किया था। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेश हावरे हैं जो भाजपा नेता भी हैं। हावरे ने ही कर्ज जारी करने का फैसला किया है। अब तक के इतिहास में किसी सरकारी संस्थान को बिना ब्याज इतना बड़ा कर्ज नहीं दिया गया। सबसे बड़ी बात यह है कि कर्ज चुकाने के लिए महाराष्ट्र सरकार के समक्ष कोई समयावधि तय नहीं की गई है। बता दें कि २ साल पहले शिर्डी से २६ किलोमीटर दूर लोनी गांव में मुख्यमंत्री फडणवीस ने निलवांडे परियोजना का एलान किया था। लोनी गांव विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील का इलाका है। इस इलाके में हर सीजन में पानी की कमी रहती है। लोगों को पेयजल के लिए इधर-उधर भागना पड़ता है। महाराष्ट्र सरकार ने सिंचाई परियोजना शुरू कर इस कमी को दूर करने का एलान किया था। हालांकि खबर लिखे जाने तक ब्याजमुक्त कर्ज महाराष्ट्र सरकार को जारी नहीं हो पाया है। कहा जा रहा है कि कर्ज की राशि एक महीने के अंदर फडणवीस सरकार को मिल पाएगी।